नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की कड़ी में भारत एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 17 से 22 फरवरी तक पेरिस में होने वाली प्लेनेरी बैठक में भारत पाकिस्तान के खिलाफ लामबंदी करेगा और पाकिस्तान को काली सूची में डालने के लिए जोर लगाएगा.


आपको बता दें कि आर्थिक तौर पर पाकिस्तान की कमर तोड़ने के लिए भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा छीन लिया है. साथ ही पाकिस्तान से भारत भेजे जाने वाले सामान पर सीमा शुल्क की दर 200 फीसद कर दी है. पाकिस्तान से भारत को मुख्य तौर पर 10 उत्पादों का निर्यात किया जाता है. इनमें ताजे फल, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पादों, खनिज और चमड़ा उत्पाद प्रमुख हैं.


भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक डोजियर FATF में पेश कर सकता है. जिससे की आतंकवाद के मोर्चे पर पाकिस्तान के खिलाफ अधिक सख्त कार्रवाई हो सके. उम्मीद की जा रही है कि पुलवामा हमले का बाद अधिकतर मुल्कों की तरफ से आई अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और पिछले दिनों यूरोपीय संघ की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ आया ताज़ा फैसला भारत के लिए मददगार होगा.


यूरोपीय संघ ने 13 फरवरी को लिए फैसले में पाकिस्तान को उन 243 मुल्कों की फेहरिस्त में डालने का फैसला लिया टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आर्थिक तंत्र को बेहद कमजोर आंका गया. इस कड़ी में सभी योरोपीय मुल्कों और वित्तीय संस्थाओं को पाक समेत इन 23 मुल्कों, उनके व्यक्तियों, कम्पनियों के साथ करोबार में अतिरिक्त एहतियात बरतने को कहा गया है.


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संयोग है कि इस अहम बैठक से पहले FATF के मौजूदा अध्यक्ष देश अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मेरिसियो मेक्री 17-19 फरवरी के बीच भारत आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 18 फरवरी को होने वाली उनकी बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग भी एक अहम मुद्दा होगा.


ध्यान रहे कि दुनिया में आतंकवांद की आर्थिक रसद काटने और मन लॉन्ड्रिंग पर निगरानी करने वाली संयुक्त राष्ट्र संस्था FATF ने पाकिस्तान को उन 11 देशों की निगरानी सूची में डाल रखा है जहां आतंकवाद को आर्थिक रसद आसानी से हासिल हो रही है.


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