चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सीआरपीएफ जवानों पर हमले के लिये पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा ‘‘शांति वार्ता का समय खत्म हो गया है और अब उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए.’’


आतंकवादी हमले पर निंदा प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने पाकिस्तान पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘उनके प्रधानमंत्री (इमरान खान) शांति की बात करते हैं और जनरल (कमर जावेद बाजवा) युद्ध की बात करते हैं.’’


विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद सिंह ने कहा, ‘‘बाजवा कमांडर इन चीफ हैं और बाजवा की सेना ने उन्हें (इमरान को) प्रधानमंत्री बनाया और आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) भी बाजवा के मातहत आती है.’’


कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘बाजवा यह जान लें, मैं खुलेआम कहता हूं कि आप एक पंजाबी हैं और हमलोग भी पंजाबी हैं. अगर आपने पंजाब में कुछ भी करने की हिमाकत की तो हम आपको ठीक कर देंगे.’’





पंजाब विधानसभा ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले की शुक्रवार को कड़ी निंदा करते हुए सदन की कार्यवाही दिन भर के लिये स्थगित करने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया. बृहस्पतिवार को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए.


सभी विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर सदन में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा. यह हमला जम्मू कश्मीर में अब तक का सबसे भीषण आतंकवादी हमला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को पुलवामा आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब यह नियंत्रण से बाहर जा रहा है.


सदन में करीब 12 मिनट के अपने संबोधन के दौरान सिंह ने कहा, ‘‘अब बहुत हो चुका और अगर हम कार्रवाई नहीं करते हैं तो वे फिर से इस तरह की घटना को अंजाम दे सकते हैं. वक्त आ गया है कि केंद्र उसके (पाकिस्तान) तरीकों को समझे और उसे मुंहतोड़ जवाब दे.’’


पाकिस्तान पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यह कहते हुए सुना कि वह गुरु नानक देव विश्वविद्यालय शुरू करना चाहते हैं और गुरुद्वारा साहिब में सेवा करना चाहते हैं. लेकिन उनके शागिर्द और आईएसआई संकट पैदा करने की कोशिशों में लगे रहते हैं.’’


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उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सेना के इशारे पर इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाया गया. पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनके राष्ट्रीय स्तर पर क्या खूब दोहरा खेल खेला जा रहा है, ऐसी बातें कहकर सिखों की सहानुभूति लो और दूसरी ओर देश में लोगों का कत्ल करो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी हमले में मारे गये लोगों में गुरु नानक देव के चार सेवक भी शामिल हैं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कई बार कहा है कि अगर आप (पाकिस्तान) भारत के साथ हाथ मिलाना चाहते हैं जैसा कि आपके प्रधानमंत्री हर रोज कहते हैं, तो आप इस तरह के हमलों को बंद क्यों नहीं करते.’’


पाकिस्तान के सेना प्रमुख पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि बाजवा ने अगर पंजाब में कुछ भी करने की कोशिश की तो उन्हें इसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. पंजाब के मुख्यमंत्री ने ‘2020 जनमत संग्रह’ का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उन्हें यह समझना चाहिए कि वे 2019 में कोई खेल नहीं कर सकते हैं.’’


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बाद में सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने उम्मीद जतायी कि पुलवामा आतंकवादी हमले का करतारपुर गलियारे पर असर नहीं पड़ेगा और उन्होंने पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा मुक्त पहुंच की अपनी अपील भी दोहरायी.


उन्होंने विश्वास जताया कि यह गलियारा पूरी तरह से सुरक्षित होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान दोनों देशों के बीच शांति को बढ़ावा देना चाहता है तो उसे अपने रवैये में बदलाव लाने की जरूरत है.


सिंह ने कहा, ‘‘‘जनमतसंग्रह 2020’ साफ तौर पर आईएसआई के इशारे पर कराया जा रहा है और यह भी पंजाब में शांति भंग करने के उनके लगातार प्रयास का संकेत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि वे इसमें कामयाब नहीं होंगे.’’


इससे पहले सदन में स्थगन प्रस्ताव की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों के परिवार के प्रति हर भारतीय शोकाकुल हैं.


पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल शुरू होते ही शिरोमणि अकाली दल (शिअद) सदस्य बिक्रम सिंह मजीठिया ने पुलवामा हमले के मद्देनजर सदन को स्थगित करने की मांग की.


उन्होंने कहा कि इस तरह की बड़ी त्रासदी इससे पहले नहीं हुई थी. उन्होंने सदन से पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान की निंदा को रिकॉर्ड में लाने का अनुरोध किया. पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और संसदीय मामलों के मंत्री ब्रह्म मोहिंद्र ने सदन स्थगन के मजीठिया के अनुरोध का समर्थन किया.


मजीठिया ने कहा, ‘‘यह अब तक सबसे भीषण हमला है... दुनिया भर में इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. हमें स्थिति की गंभीरता को समझना चाहिए. देश शोक में है और हमें सदन को स्थगित कर देना चाहिए.’’


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विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आतंकवादी हमले में शहीद हुए पंजाब के चार सीआरपीएफ जवानों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और नौकरी देने की मांग की. बृहस्पतिवार को पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती बम हमलावर ने 100 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों से भरा अपना वाहन सीआरपीएफ जवानों की बस से टकरा दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गये.


इस काफिले में 2,500 से अधिक जवान थे. इनमें से अधिकतर छुट्टी के बाद घाटी में ड्यूटी पर वापस आये थे. काफिले में 78 वाहन थे. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.