नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले का आज 1 साल पूरा हो रहा है. इस एक साल के दौरान इस मामले की जांच करने वाली नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने इस मामले में स्पष्ट तौर पर पता लगा लिया है कि सीआरपीएफ की गाड़ी पर फिदायीन हमलावर कौन था? साथ ही एनआईए ने यह भी पता लगा लिया है कि इस हमले में कौन सा विस्फोटक प्रयोग में लाया गया था


इस मामले के पांच आरोपी अब तक मारे जा चुके हैं लेकिन मामले का मास्टरमाइंड जैश-ए- मोहम्मद का सरगना सैयद मसूद अजहरअभी भी पाकिस्तान में बैठा हुआ है.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान एनआईए ने 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के पास हुए इस आतंकवादी हमले में हजारों बॉडी पार्ट्स इकट्ठे किए थे क्योंकि एनआईए अधिकारियों को शक था कि इन्हीं शरीर के टुकड़ों में से कोई एक टुकड़ा फिदायीन हमलावर का भी रहा होगा. एनआईए को शक था कि इस मामले में आदिल अहमद डार नाम का युवक भी शामिल है जो पुलवामा के पास एक गांव का रहने वाला बताया जाता है.


सुसाइड बॉम्बर आदिल अहमद डार ही था


सूत्रों ने बताया कि आरंभिक पूछताछ के दौरान आदिल अहमद डार के घरवालों ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया कि उनका बेटा इस आतंकी हमले में शामिल है. लेकिन एनआईए को घटनास्थल से शरीर के जो टुकड़े मिले थे उनमें से एक संभावित टुकड़े का जब आदिल अहमद दार के पिता से डीएनए कराया गया तो वह मैच खा गया.


एक आला अधिकारी ने बताया डीएनए मैच के बाद जांच अधिकारियों को यह स्पष्ट हो गया कि सुसाइड बॉम्बर आदिल अहमद डार ही था. जांच के दौरान यह भी पता चला कि आदिल अहमद डार हमले के 1 साल पहले ही जैश-ए- मोहम्मद में शामिल हुआ था. अब तक की जांच के मुताबिक इस मामले में शामिल पांचों हमलावर मारे जा चुके हैं.


इनमें आदिल अहमद डार के अलावा मुदस्सिर खान कामरान उर्फ गाजी, सज्जाद भट्ट और कारी यासीन शामिल हैं. आदिल अहमद डार के अलावा बाकी लोगों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया.


आरडीएक्स जैसे घातक विस्फोटक मिलाए गए थे


एनआईए सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान यह भी पता लगाया गया कि इस हमले में कौन सा विस्फोटक प्रयोग में लाया गया था? जब इस विस्फोटक की बारे में जांच शुरू की गई तो पता चला कि यह कई विस्फोटको का एक मिक्चर था जिसमें नाइट्रोजन से लेकर आर डी एक्स जैसे घातक विस्फोटक मिलाए गए थे. एनआईए को जांच मे पता चला कि यह पूरा मिक्चर पुलवामा में ही तैयार किया गया था.


ध्यान रहे कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के पास सीआरपीएफ की 76 वीं बटालियन की एक बस से जैश-ए- मोहम्मद के आतंकियों ने विस्फोटक भरी गाड़ी टकरा दी थी जिसके चलते लगभग 42 जवान और अधिकारी मारे गए थे.


पुलवामा बरसी को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम


पिछले एक दशक के दौरान सुरक्षाबलों पर यह एक सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा था. इस हमले के बाद से भारत सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि घाटी में जाने वाले अर्धसैनिक बलों के जवानों और अधिकारियों को हवाई सेवा के जरिए वहां भेजा जाए और एक साथ इतने सारे जवानों अधिकारियों का कारवां सड़क पर ना चलाया जाए.


अधिकारियों के मुताबिक इस मामले की जांच अभी भी जारी है. क्योंकि मामले का मुख्य गुनाहगार जैश मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद है और अपने आतंकी साजिश के ताने-बाने बुनता रहता है.


पुलवामा हमले की बरसी के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. क्योंकि खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस दौरान वहां बड़े पैमाने पर आतंकी हमले किए जा सकते हैं.


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