मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि सेना का ट्रक चलाने की ताकत उनमें अभी तक है. अपने अनशन के बाद वह इस समय अस्पताल में भर्ती हैं. हजारे एक समय सेना में एक चालक थे. वह जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के एक काफिले पर आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें कम से 40 जवान शहीद हुये हैं.
हजारे के हवाले से उनके एक करीबी सहयोगी ने कहा, ''बुजुर्ग होने के कारण मैं बंदूक नहीं उठा सकता लेकिन अगर जरूरत हुई तो मैं देश के लिए लड़ाई करने वाले अपने सैनिकों को पहुंचाने के लिए निश्चित रूप से वाहन चला सकता हूं.''
अन्ना हजारे 1960 में एक ट्रक चालक के रूप में सेना में शामिल हुये थे. 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान वह खेम करन सेक्टर में तैनात थे. फिलहाल इस समय अन्ना सामाज सेवा में लगे हुए हैं और देश भर में फैले भ्रष्ट्राचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.
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