जम्मू: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में आज 13,800 पन्नों की चार्जशीट एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल की. इस चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर और उनके भाई समेत 19 लोगों को दोषी माना गया है. जम्मू में एनआईए की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि श्रीनगर के लथीपोरा में 14 फरवरी 2019 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से सीआरपीएफ की कॉन्वॉय पर हुए आत्मघाती हमले, जिसमें 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे, के मामले में चार्जशीट दाखिल की है.
इस चार्जशीट में पाकिस्तान में रह रहे जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर उनके भाई राउफ असगर समेत पाकिस्तान में रह रहे हैं अमर अल्वी समेत 19 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें पुलवामा के शाकिर बशीर, इंशा जान, पीर तारिक, वेज़-उल-इस्लाम, मोहम्मद अब्बास राथर, बिलाल अहमद, मोहम्मद इकबाल राथर, मोहम्मद इस्माइल, समीर अहमद डार, आशिक अहमद, आदिल अहमद डार, मोहम्मद उमर फारूक, मोहम्मद कामरान अली, सज्जाद अहमद भट्ट, मुदासिर अहमद खान और कारी यासिर शामिल हैं.
पाकिस्तान की एक सोची समझी साजिश थी पुलवामा अटैक- NIA
अपनी चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि इस घटना की जांच के दौरान यह पता लगा है कि पुलवामा में हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान की एक सोची समझी साजिश का नतीजा था. इस साजिश के तहत जैश ए मोहम्मद में अपने आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए अलकायदा, तालिबान और हक्कानी के अफगानिस्तान में बने ट्रेनिंग कैंप में हथियार और गोला बारूद चलाने का प्रशिक्षण दिया.
एनआईए को जांच के दौरान यह भी पता चला है कि इस हमले के मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर फारूक ने भी अफगानिस्तान में हथियार और गोला बारूद चलाने का प्रशिक्षण लिया जिसके बाद वो अप्रैल 2018 में घुसपैठ कर भारत आया और फिर यहां सर्क्रिय जैशे मोहम्मद के आतंकियों के साथ मिल कर सीमा पार बैठे आकाओ के निर्देशों पर इस हमले की साजिश रची.
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है के इस मामले में आरोपी शाकिर बशीर, इंशा जान, तारिक़ अहमद शाह और बिलाल अहमद ने जैश-ए-मोहम्मद के इन आतंकियों को मदद दी और उन्हें अपने घरों में छुपाया. दिसंबर 2018 के बाद से शाकिर बशीर ने अपने आकाओं के कहने पर हाईवे पर सुरक्षाबलों की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की तो वहीं मुद्दसर अहमद खान ने गैलेटिन स्टिक का इंतजाम किया. शाकिर बशीर पर आरोप है कि उसने आरडीएक्स, जिलेटिन स्टिक्स, एलमुनियम पाउडर और कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट को इकट्ठा कर अपने घर में छुपा कर रखा.
सज्जाद अहमद भट्ट ने खरीदी थी मारुति ईको कार
चार्जशीट में कहा गया है कि जनवरी 2019 में सज्जाद अहमद भट्ट ने एक मारुति ईको कार खरीदी, जिसका इस्तेमाल बाद में इस हमले में किया गया. इस मारुति ईको कार को शाकिर बशीर के घर के सामने खड़ा किया गया और वेज़ उल इस्लाम ने 4 किलो एलमुनियम पाउडर को अपने अमेजॉन अकाउंट से ऑर्डर किया था.
एनआईए ने अपनी जांच में दावा किया है कि फरवरी के पहले हफ्ते में मोहम्मद उमर फारूक, समीर अहमद डार, आदिल अहमद डार और जाकिर बशीर ने आरडीएक्स, कैलशियम अमोनियम नाइट्रेट, जिलेटिन स्टिक्स और एलमुनियम पाउडर को मिलाकर आईडी तैयार की और फिर उसे दो कंटेनर (जिनका वजन 160 किलो और 40 किलो था) में इस विस्फोटक को भर उस मारुति ईको कार में फिट कर 6 फरवरी 2019 को इसे तैयार कर दिया. लेकिन, भारी बर्फबारी के चलते नेशनल हाईवे बंद हो गया और घटना वाले दिन यानी 14 फरवरी 2019 को नेशनल हाईवे फिर खुल गया और शाकिर बशीर, आदिल अहमद डार को नेशनल हाईवे तक लेकर गया जहां से आदिल अहमद डार ने इस गाड़ी को चलाया और इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया.
जांच में अनेकों यह भी पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे मसूद अजहर, रवि अजगर और उमर अल्वी और चाचा लगातार भारत में घुसे अपने आतंकियों को निर्देश दे रहें थे. इन आतंकियों ने जम्मू कश्मीर में एक और बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश रची थी. लेकिन बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक और मोहम्मद उमर के मारे जाने से वह हमला नहीं हो पाया. उन्होंने यह भी दावा किया है कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के शकरगढ़ (जो कि सांबा कठुआ सेक्टर के ठीक सामने लगता है) में आतंकियों के घुसपैठ के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी.