नई दिल्लीः किसी भी स्कूल के लिए उसकी नियम और कायदे उसके अनुशासन के लिए काफी अहम होते हैं लेकिन पुणे के एमआईटी विश्वशांति गुरूकुल स्कूल में नियमों को इस हद तक कठोर बना दिया गया कि बच्चों के अभिभावकों को इसके खिलाफ शिकायत करनी पड़ी.





अभिभावकों की शिकायत है कि पुणे रोड पर स्थित स्कूल ने छात्रों की स्टूडेंट डायरी में नियमों की एक लंबी लिस्ट लिखी गई जो कि जरूरी और अनिवार्य कही गई. इसके अलावा बच्चों के पेरेंट्स को भारतीय दंड संहिता के उल्लेख सहित एक एफिडेविट भी साइन करवाया गया जिसके तहत अगर अभिभावक नियमों को नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ स्कूल शिकायत दर्ज कर सकता है.



इन नियमों में सबसे ज्यादा आपत्तिजनक नियम ये हैं कि छात्रों को टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए विशेष समय तय किया गया. यहां तक कि पानी पीने के लिए भी जो समय दिया गया है उसी में छात्र-छात्राओं को पानी पीने के अनुमति होगी. इसके अलावा स्कूली छात्राओं के लिए भी डायरी में जो नियम लिखे गए उसमें उनके लिए इनरवियर का रंग तक बताया गया कि छात्राओं को इस रंग के इनरवियर ही पहनने होंगे. इसके अलावा ईयरिंग के साइज तक बताए गए जो छात्राओं के लिए हैं.


स्कूल का नया शैक्षणिक टर्म 15 जून से शुरू हुआ था और छात्रों को 2 जुलाई को ये स्कूल डायरी दी गई. इसके बाद भारी रूप से पेरेंट्स में विरोध हुआ और इसके खिलाफ उन्होंने प्राइमरी शिक्षा के डायरेक्टर से इसकी शिकायत की और कहा कि तुरंत इन नियमों को डायरी से हटवाया जाए.


डायरी में लिखे गए नियमों के मुताबिक छात्राओं के ड्रेस के नीचे के इनरवियर के रंग सफेद और बेज के अलावा किसी और रंग के नहीं हो सकते, इसके अलावा मेडकिल स्थिति और इमरजेंसी के अलावा स्कूल के टॉयलेट्स एक निश्चित समय पर इस्तेमाल किए जाएंगे. स्कूल छात्रों से 500 रुपये का जुर्माना वसूलेगा अगर छात्र पीने का पानी और बिजली अनावश्यक रूप से इस्तेमाल करते पाए गए. इसके अलावा 500 रुपये का जुर्माना तब भी लिया जाएगा अगर सेनेटरी पैड्स को सही तरह से उसके लिए तय डब्बे में नहीं डाले गए. इसके अलावा पेरेंट्स को सफाई के खर्चे का बोझ भी उठाना पड़ेगा जो उनके बच्चों द्वारा गिराए गए खाने के कारण गंदगी हुई होगी.


एक अभिभावक का कहना है कि सफाई, बिजली की बचत, पानी बचाना और व्यक्तिगत स्वच्छता आदि सभी अच्छी बातें हैं लेकिन स्कूल को इसके लिए फाइन लगाने की बजाए छात्र-छात्राओं में इसके लिए जागरूकता बढ़ानी चाहिए.