मुंबई: इन दिनों हवाई यात्रा हो या रेल यात्रा मास्क पहना अनिवार्य है. ऐसे में बाज़ार में अलग अलग तरह के मास्क मिल रहे हैं, जिनमें डबल और ट्रिपल लेयर मास्क, कपड़े के मास्क, N95 मास्क शामिल हैं. इस सब के बीच सीएसआईआर की पुणे में मौजूद नेशनल केमिकल लैबोरेट्री ने भी एक खास मास्क तैयार किया है जिस पर एक खास तरह की कोटिंग है जिसे कोरोना महामारी में ना सिर्फ वायरस बल्कि बैक्टेरिया और डस्ट पार्टिकल्स को भी रोका जा सकेगा.


सीएसआईआर की पुणे में मौजूद नेशनल केमिकल लैबोरेट्री ने एक खास तरह का मास्क बनाया है. ये मास्क पॉलिमर और माइक्रोन का मिश्रण है. इसे polyti नाम दिया गया है. इस मास्क को बैक्टेरियल सेल्यूलोज और नैनो मटेरियल से बनाया है. मास्क पर नैनो कोटिंग है. इस मास्क से 99.99% बैक्टेरिया रुक जाते है. इस मास्क को 72 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है.


इस बारे में सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ शेखर मांडे ने बताया, "पुणे में हमारी एक प्रयोगशाला है नेशनल केमिकल लैबोरेट्री वहां के कुछ वैज्ञानिकों ने मिलकर एक मास्क बनाया है. यह एक नाइट्रोसैलूलोज मास्क है और इस पर एक नैनोकोटिंग लगाई है. इससे सूक्ष्मजीव को भी रोका जा सकता है इसलिए मास्क का लोगों को काफी फायदा होगा."


इस मास्क को SITRA यानी साउथ इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन से जरूरी अनुमति मिल चुकी है. लैब ने मास्क की टेक्नोलॉजी को शेयर किया है और इसे बनाने का काम शुरू हो गया है.


एबीपी न्यूज़ को सीएसआईआर के डीजी डॉ शेखर मांडे ने बताया, "इसके लिए हमें रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरफ से अनुमति मिली है कि हम इसे तैयार कर सकते हैं. इसके बाद हमने ये मास्क बनाने के लिए कुछ एमएसएमई दिया है."


फिलहाल सीएसआईआर और एनसीएल ने मास्क बनाने के लिए ये टेक्नोलॉजी कुछ कंपनियों को दी है. इसका प्रोडक्शन भी शुरू हो चुका है. फिलहाल ये कंपनियां एक दिन में 5000 मास्क बना रही हैं. जल्द ही एक लाख मास्क एक दिन में बनाए जाएंगे, ऐसा सीएसआईआर का मानना है. इस मास्क की कीमत भी काफी काम होने की उम्मीद है.


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