Rapido Bike Taxi: बाइक टैक्सी सर्विस चलाने वाली कंपनी रेपिडो को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने पुणे में कंपनी को अपनी सभी सेवाएं तत्काल रोकने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा बाइक टैक्सी के साथ ही कंपनी के रिक्शा, डिलीवरी सर्विस भी बिना लाइसेंस के हैं. 


रेपिडो टैक्सी सर्विस को लेकर सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार (13 जनवरी) दोपहर 1 बजे से कंपनी को सभी सेवाएं रोकने का निर्देश दिया. 


हाई कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी 20 जनवरी तक पूरे राज्य में सभी सेवाएं बंद करने को तैयार हो गई है. इस मामले में अगले शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी. 


क्या है मामला?


रेपिडो ने 16 मार्च 2022 को पुणे RTO में लाइसेंस के लिए अर्जी डाली थी, जिसे परिवहन विभाग ने खारिज कर दिया था.  इसके साथ ही परिवहन विभाग ने लोगों से रेपिडो का एप और इसकी सेवाओं का इस्तेमाल न करने की अपील भी की थी. इसके बाद रेपिडो ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट ने 29 नवम्बर 2022 को विभाग से अनुमति पर दोबारा विचार करने को कहा था. 21 दिसम्बर 2022 को आरटीओ की बैठक में इसे दोबारा खारिज कर दिया. इसमें कहा गया कि राज्य में बाइक टैक्सी को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं है.


दोबारा आवेदन खारिज होने के बाद रेपिडो ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को हाई कोर्ट ने बाइक टैक्सी को लेकर निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि उसने 'बाइक टैक्सी' को लेकर स्वतंत्र समिति बनाई है. समित जल्द ही इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. तब तक राज्य सरकार इस सेवा को तत्काल बंद करने की मांग करती है.


राज्य सरकार को फटकार


बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसके पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान बाइक टैक्सी की अनुमति देने वाली नीति तैयार करने में अनिश्चितता के लिए महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई थी और कहा कि उसे किसी न किसी रूप में अपना रुख स्पष्ट करना होगा।


यह भी पढ़ें


Bharat Jodo Yatra: ...तो भारत जोड़ो यात्रा में जो घूम रहा है वो जिन्न है क्या? राहुल गांधी के 'खुद को मार दिया' वाले बयान पर बोले ओवैसी