नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश भर में विरोध और समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 50 हिंदू परिवार वीजा लेकर भारत आए हैं. ये लोग 25 दिन के वीजे पर भारत आये हैं और हरिद्वार जाना चाहते हैं. हालांकि इनके लौटने का भी इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें भी सीएए के तहत भारत की नागरिकता मिले.


पाकिस्तान से आए एक शख्स ने कहा,  ''हमे यहां नागरिकता मिलनी चाहिए क्योंकि वहां पर हमारी बहनों के साथ अत्याचार किया गया. युवकों को भी उठा लिया गया.'' इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उन्हें यहां नागरिकता दी जाए.


इन लोगों का कहना है, ''पाकिस्तान भारत से ही बना है लेकिन वह अब मुस्लिम देश बन चुका है. हम आज अपने हिन्दू देश हिंदुस्तान में आये हैं और हमें यहां नागरिकता मिलनी चाहिए.'' नियमों के मुताबिक, 25 दिन की तय सीमा समाप्त होने के बाद इन्हें पाकिस्तान लौटना होगा.


पाकिस्तानी हिंदू लक्ष्मण दास कहते हैं, "हरिद्वार में पवित्र स्नान करने के बाद, मैं अपने भविष्य के बारे में सोचूंगा.हालांकि, मैं भारत में रहना चाहता हूं."





क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)


भारत देश का नागरिक कौन है, इसकी परिभाषा के लिए साल 1955 में एक कानून बनाया गया जिसे 'नागरिकता अधिनियम 1955' नाम दिया गया. मोदी सरकार ने इसी कानून में संशोधन किया है जिसे 'नागरिकता संशोधन बिल 2016' नाम दिया गया है. पहले 'नागरिकता अधिनियम 1955' के मुताबिक, वैध दस्तावेज होने पर ही लोगों को 11 साल के बाद भारत की नागरिकता मिल सकती थी.


किन देशों के शरणार्थियों को मिलेगा फायदा?


इस कानून के लागू होने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी यानी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. मतलब 31 दिसंबर 2014 के पहले या इस तिथि तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. नागरिकता पिछली तिथि से लागू होगी.


Delhi Election: नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र पहुंची 'दिल्ली वाले ऑटो राजा' की टीम, जाना हाल

PM मोदी ने लोकपाल को लेकर सीएम केजरीवाल को घेरा, कहा- लोग आज भी कर रहे हैं इंतजार