नई दिल्ली: पंजाब में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज कैबिनेट विस्तार किया. उन्होंने अपनी कैबिनेट में  नौ नए चेहरों को जगह दी है. साथ ही कैप्टन ने अरुणा चौधरी और रजिया सुल्तान का कद बढ़ाते हुए कैबिनेट में शामिल किया है. कांग्रेस के सभी नौ विधायकों को चंडीगढ़ स्थित राजभवन में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस मौके पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राज्य के वरिष्ठ मंत्री, कांग्रेस नेता मौजूद थे. पिछले साल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहली बार अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट का विस्तार किया है.


वो नौ चेहरे जिन्हें कैप्टन ने चुना
कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिदंर सिंह के बीच नई दिल्ली में बैठकों के बाद कल नौ नए मंत्रियों के नामों पर मुहर लगाई थी. अमृतसर सेंट्रल से पांच बार के विधायक ओपी सोनी को पंजाब कैबिनेट में शामिल किया गया है. उनके साथ चार बार के विधायक राणा गुरमीत सोढ़ी ( गुरू हर सहाय ), सुखजिंदर रंधावा (डेरा बाबा नानक), गुरप्रीत कांगर (रामपुरा फुल), सुखविंदर सरकारिया (राजा सांसी , अमृतसर), बलबीर सिद्धू ( हाली) को पंजाब की कैबिनेट में जगह दी गई है.


कैप्टन अमरिंदर सिंह ने युवा चेहरों को खास तवज्जो दी है. राज्यपाल ने संगरूर से विधायक विज इंदर सिंगला, होशियारपुर से दो बार के विधायक सुंदर शाम अरोड़ा और लुधियाना वेस्ट से विधायक भरत भूषण आशू को शपथ दिलाई.


सुखजिंदर सिहं रंधावा को मंत्रिमंडल (कैबिनेट) में शामिल करने के साथ ही गुरदासपुर जिले से अब तीन मंत्री हो गए हैं. जिले के तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा (फतेहगढ़ चूड़ियां) और अरुणा चौधरी ( दीनानगर ) पहले से ही कैबिनेट में हैं. ओपी सोनी (अमृतसर मध्य ) और सुखबिंदर सरकारिया (राजा सांसी) को शामिल करने के साथ ही अमृतसर से अब तीन मंत्री हो गए हैं. अमृतसर पूर्व से नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही मंत्री हैं.


वोटों के समीकरण का खास ख्याल


कैबिनेट विस्तार के तहत नये मंत्रियों में चार हिंदू चेहरे हैं जबकि पांच अन्य सिख समुदाय हैं. मालवा क्षेत्र से सबसे ज्यादा पांच मंत्री बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने इससे पहले कहा था कि नये मंत्रियों के चयन में वरिष्ठता एक अहम योग्यता होगी. विपक्षी आप ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए उस पर अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.


विस्तार से पहले बगावत


पंजाब कैबिनेट विस्तार में मंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज कांग्रेस नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है और इसी क्रम में उसके दो अन्य विधायकों ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया. संगरूर जिले के अमरगढ़ से विधायक सुरजीत सिंह धीमान और फजिलका के बलुआना से विधायक नत्थू राम ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति ( पीपीसीसी ) के प्रमुख सुनील जाखड़ को पार्टी के पदों से अपना इस्तीफा सौंप दिया. इससे पहले कांग्रेस विधायक संगत सिंह गिलजियां ने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ( एआईसीसी ) और पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष पद से कल इस्तीफा दे दिया था.


पंजाब मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह न पाने पर कांग्रेस के दो और विधायकों नवतेज सिंह चीमा और गुरकीरत सिंह कोटली ने आज निराशा जताई थी.  कोटली के दादा बेअंत सिंह मुख्यमंत्री थे और उनके पिता तेज प्रताप सिंह पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. खन्ना से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा कि पार्टी के लिए चुनाव जीत चुके ‘‘पुराने और पारंपरिक’’ परिवारों का मंत्रिमंडल में पद के लिए विचार करना चाहिए. वहीं नवतेज सिंह चीमा ने कहा , ‘‘मैं मंत्री बनने के सभी मानदंडों पर खरा उतरता हूं लेकिन एक कनिष्ठ व्यक्ति को शामिल किया गया. मैंने तीन चुनाव लड़े और तीनों जीते.’’