चंडीगढ़: क्रिकेट की पिच से राजनीति के मंच तक नवजोत सिंह सिद्धू का सफर दिलचस्प रहा है. सिद्धू 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी के लिए प्रचार कर चुके हैं लेकिन अब वो अपना दल बदल चुके हैं और कांग्रेस का हाथ उनके साथ है. सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पंजाब विधानसभा का चुनाव रोचक हो गया है और पुराने गणित की जगह नए समीकरणों का दौर चल रहा है.
इसी बीच अमृतसर में दीवारों पर लगे चुनावी पोस्टर चर्चा का विषय बन गए हैं और राजनीति का रंग और भी रंगीन हो गया है. अमृतसर में कई ऐसे पोस्टर देखने को मिले जिसमें लोगों से यह अपील की जा रही है कि वे कांग्रेस को वोट करें ताकि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकें. इस पोस्टर में दो चेहरे हैं जिनमें एक चेहरा सिद्धू का है तो दूसरी तस्वीर में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मुस्कुरा रहे हैं.
इस पोस्टर के आने के बाद जहां राजनीति हलके में चर्चा है, वहीं कांग्रेस पार्टी के भीतर भी खलबली मची हुई है. कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब की गद्दी तक का सफर तय करेगी लेकिन इस पोस्टर ने इन वादे की नब्ज को ही दबा दिया है. जानकारों का मानना है कि बीजेपी से कांग्रेस में आए सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच का रिश्ता ठीक नहीं रहा है. हालांकि कांग्रेस का दामन थामने के बाद वे जब पंजाब पहुंचे तो उन्होंने अमरिंदर सिंह के पैर छुए थे.
इस राजनीतिक गहमागहमी के बीच पंजाब की कुर्सी पर फतेह हासिल करने की उम्मीद लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने चुटकी ली है. उन्होंने ट्वीट किया. ''चुनाव के कुछ दिन ही बाकी हैं और कांग्रेस में कैप्टन और सिद्धू के बीच जंग शुरू हो गई है.''
गौरतलब है कि बीजेपी को छोड़ने के बाद यह चर्चा जोरों पर थी कि सिद्धू आम आदमी पार्टी ज्वाइन करेंगे. लेकिन आप के साथ सिद्धू के राजनीतिक सौदे पूरे नहीं हो पाए जिसकी वजह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थामने का फैसला किया.