Gurmeet Ram Rahim: पंजाब के कैबिनेट मंत्री के डेरा सच्चा सौदा जाने पर बढ़ा विवाद, डेरा ने कहा- कोई स्पेशल प्रोग्राम नहीं था
Gurmeet Ram Rahim Case: गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर पंजाब और हरियाणा में राजनीति बढ़ गई है. मुद्दे को लेकर आप, बीजेपी और कांग्रेस आए दिन एक दूसरे पर सियासी हमले कर रहे हैं.
Fauja Singh Sarari Visit: पंजाब के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी (Fauja Singh Sarari) के फिरोजपुर जिले के डेरा सच्चा सौदा 'नाम चर्चा घर' में जाने पर विवाद हो गया. वहीं इस पर डेरा सच्चा सौदा का बयान सामने आ गया है.
शनिवार (30 अक्टूबर) को मंत्री फौजा सिंह सरारी डेरा सच्चा सौदा के नाम चर्चा घर पहुंचे थे. जहां पर उन्हें डेरे के लोगों ने सम्मानित किया. डेरा की 15 सदस्य कमेटी के सदस्य शिव कुमार ने बताया कि वहां से निकलते समय उनके समर्थकों ने अपनी परेशानी बतानी चाही. इस पर वह सभी को वह अपने साथ डेरा सच्चा सौदा के अंदर ले गए. उनके लिए डेरा में कोई स्पेशल प्रोग्राम नहीं रखा गया था.
विवाद क्यों हो रहा है?
गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिलने पर राजनीति बढ़ गई है. कांग्रेस इसे हरियाणा के आदमपुर उपचुनाव से जोड़ रही है तो वहीं बीजेपी इसे कोर्ट का मामला बता रही है. हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि राम रहीम को पैरोल चुनाव के चलते नहीं मिली है बल्कि यह सिर्फ एक इत्तेफाक है. राम रहीम ने संबंधित अथॉरिटी से पैरोल मांगी थी. इसमें जेल विभाग का कोई रोल नहीं है. राम रहीम के सत्संग में कई बीजेपी नेताओं के शामिल होने पर उन्होंने कहा कि सत्संग के शामिल होने वाले लोगों की यह अपनी निजी आस्था है. इसके साथ ही अब पंजाब में राजनीति बढ़ गई है.
आदमपुर उपचुनाव में इसका क्या असर होगा?
मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने हाल ही में कहा था कि आदमपुर कभी भी कांग्रेस का गढ़ नहीं रहा है. उन्होंने भी 2008 में कांग्रेस की टिकट से आदमपुर में चुनाव लड़ा था और उस समय चौधरी भजन लाल कांग्रेस छोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर जीते थे. आदमपुर भजन लाल परिवार का ही गढ़ माना जाता है. साथ ही दावा किया कि उपचुनाव में भव्य बिश्नोई की ही जीत होगी.
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