पंजाब: सीएम अमरिंदर सिंह बोले- कोई सिख भी खालिस्तान नहीं चाहता, हमें भारतीय होने पर गर्व
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि कोई भी सिख अलग राज्य नहीं चाहता है. हमें भारतीय होने पर गर्व है. इसके साथ ही उन्होंने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के अलग राज्य वाले बयान की आलोचना भी की.
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को खालिस्तान की अवधारणा को खारिज करते हुए जोर देकर कहा कि कोई भी सिखों के लिए अलग राज्य नहीं चाहता है. इसके साथ ही कैप्टन ने पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से प्राप्त धन राशि उन्हें वापस किए जाने की भी मांग की और कहा कि वह सामाजिक मेल जोल के मानदंड के पालन के साथ करतारपुर गलियारा खोले जाने के पक्ष में हैं.
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा समय में कोई भी खालिस्तान नहीं चाहता है. इसके साथ ही उन्होंने अकाल तख्त जत्थेदार के हाल ही में दिए गये उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें जत्थेदार ने कहा था कि अगर सरकार खालिस्तान की पेशकश करती है तो सिख समुदाय उसे स्वीकार कर लेगा.
कोई भी सिख खालिस्तान नहीं चाहता- मुख्यमंत्री
खालिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, “देश में रहने वाले सिख खुशहाल जीवन जी रहे हैं. वे क्यों खालिस्तान चाहेंगे? कोई यह नहीं चाहता और मैं भी यह नहीं चाहता.’’
उन्होंने आगे कहा कि हर सिख हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए खड़ा रहा है.
सिंह ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि हमारे यहां कितने सिख सैनिक हैं? वे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं. हम अपने देश के लिए लड़ते हैं और यह हमारा देश है.”
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दिया था अलग राज्य का बयान
बता दें कि अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने छह जून को कहा था, "अगर सरकार पेशकश करती है तो सिख समुदाय सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान को स्वीकार कर लेगा."
भारत को अपनी देख रेख करने के लिए चीन के पैसों की आवश्यकता नहीं- कैप्टन
भारत चीन के मध्य सीमा पर जारी तनाव के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र की राजग सरकार से कहा कि पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से प्राप्त दान को वह उन्हें वापस कर दें.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुझे लगता है कि चीन के खिलाफ हमें सख्त रूख अपनाना चाहिये. मुझे नहीं लगता कि जब हमारे लड़के (सैनिक) मारे जा रहे हैं, तब हम चीनी कंपनियों से पैसा ले सकते हैं.'
गौरतलब है कि लद्दाख में 15—16 जून की दरम्यानी रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. मुख्यमंत्री ने कुछ चीनी कंपनियों के नाम भी लिये जिन्होंने पीएम केयर्स फंड में दान दिया है.
उन्होंने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि कितना पैसा आया है. ऐसे समय में जब वे (चीन) कोविड के लिये और मेरे देश के खिलाफ आक्रामकता के लिये जिम्मेदार हैं, तो चीनी कंपनियों से हम एक रुपया भी नहीं ले सकते हैं.'
कैप्टन ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि यह वह समय है जब हमें चीनी कंपनियों से प्राप्त धन को उन्हें वापस लौटा देना चाहिये. भारत को अपनी देख रेख करने के लिए चीन के पैसों की आवश्यकता नहीं है.
करतारपुर गलियारे को अब खोल देना चाहिए- मुख्यमंत्री
करतारपुर गलियारे से संबंधित एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच सामाजिक मेल जोल की दूरी के मानदंडों के पालन के साथ वह करतारपुर गलियारा खोले जाने के पक्ष में हैं. बता दें कि करतारपुर गलियारे को कोरोना वायरस महामारी के आलोक में अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि करतारपुर गलियारा खुले. वहां सामाजिक मेल जोल से दूरी का ध्यान रखा जा सकता है. अगर इस मुद्दे पर उनसे पूछा गया तो वह इस गलियारे को फिर से खोलने की सलाह देंगे.'
कैप्टन ने आगे कहा, 'अगर मुझसे पूछा जाये तो मैं इसे सामाजिक मेल जोल की दूरी के मानदंडों के पालन के साथ इसे खोलने की सलाह दूंगा.' उन्होंने हालांकि, कहा कि भारत सरकार इतने कम समय में इस गलियारे को खोलने पर राजी नहीं हो सकती है.
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