एक्सप्लोरर

पंजाब निकाय चुनाव: अहंकार के अंधेरे से सबक लेने का सही वक्त

अकाली दल के NDA से नाता तोड़ लेने के बाद पंजाब में पार्टी की जमीन इतनी बंजर हो जाएगी कि वह अपने बूते एक उम्मीदवार भी न जिता सके,

किसान आंदोलन की आंच के बीच पंजाब में हुए निकाय चुनावों में बीजेपी को इतनी करारी हार की उम्मीद यकीनन नहीं थी. पार्टी आलाकमान को अहसास था कि इन चुनावों में हार तय है लेकिन आंदोलन का असर इतना गहरा होगा कि कुछ स्थानों पर उसे खाता खोलने के भी लाले पड़ जाएं,यह अंदाजा कतई नहीं था.

अकाली दल के NDA से नाता तोड़ लेने के बाद पंजाब में पार्टी की जमीन इतनी बंजर हो जाएगी कि वह अपने बूते एक उम्मीदवार भी न जिता सके, इसका अनुमान बीजेपी के चाणक्य भी न लगा सके. हालांकि सियासत हो या जंग, हर हार  एक सबक देकर जाती है लेकिन वह अहंकार के अंधेरे में दिख नहीं पाता. लेकिन बीजेपी के लिये यह सही वक्त है कि वह अहंकार के अंधेरे में छुपे सबक से कुछ सीखे.

हरियाणा व राजस्थान के बाद पंजाब के स्थानीय चुनाव में हुई लगातार इस तीसरी हार से बीजेपी को सबक लेने की जरुरत इसलिए और भी ज्यादा है क्योंकि मार्च-अप्रैल में उत्तरप्रदेश में निकाय चुनाव के साथ ही राजस्थान व हरियाणा विधान सभा के उप चुनाव भी हैं. राजनीति में एक दौर ऐसा था, जब हार का मुंह देखने वाली पार्टी तर्क दे दिया करती थी कि निकाय चुनाव स्थानीय मुद्दे पर लड़ा जाता है और इसमें होने वाली हार का सत्तारुढ़ राज्य सरकार पर कोई असर नहीं पड़ता है.लेकिन अब माहौल अलग है. जो लोग सोचते हैं कि पंजाब की इस करारी हार की गूंज इन आगामी चुनावों में नहीं सुनाई देगी, तो वे बिल्कुल गलत हैं.

पश्चमी उत्तरप्रदेश यानी जाटलैंड पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिये पार्टी को अपनी रणनीति में बदलाव लाना होगा. अपने सांसदों व विधायकों को कृषि कानूनों के फायदे गिनाने की पूरी तैयारी के साथ खाप पंचायतों में भेजना होगा,ताकि वे इसके फायदे किसानों को समझा सकें और उनकी  ग़लतफ़हमी को दूर कर सकें.

अब कई लोग इन निकाय चुनावों को अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं. इसे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी कहा जा रहा है. हालांकि पंजाब में हमेशा ये देखा गया है कि जो भी पार्टी सत्ता में है, उसे उपचुनावों और लोकल चुनाव में कहीं न कहीं फायदा मिला है. पर,विधानसभा चुनाव में वह उतना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन अब माहौल अलग है. अगर किसान आंदोलन लंबा खिंचता है,तो जाहिर है कि वह कांग्रेस के लिये दिवाली मनाने जैसा ही होगा.

वैसे बीजेपी की इस हार को समझने के लिए फजिल्का जिले के अमोहा शहर के नतीजों पर गौर करना चाहिए. जहां से बीजेपी के विधायक हुआ करते हैं. लेकिन यहां की नगर निगम चुनाव की 50 सीटों पर बीजेपी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई. यानी पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया. अगर होशियारपुर के नतीजों को देखें तो यहां भी बीजेपी को करारी हार मिली है. यहीं से बीजेपी के केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश आते हैं, जो यहां के सांसद भी हैं. यहां बीजेपी को 50 में से सिर्फ 4 सीटें मिली हैं.

इसी तरह गुरदासपुर जिले के बटाला की बात करें तो यहां भी बीजेपी को 50 सीटों में से सिर्फ 4 ही सीटें मिल पाई हैं. यहां से सनी देओल बीजेपी के सांसद हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि बठिंडा में कांग्रेस ने अकाली दल और बीजेपी के गढ़ में सेंध लगा दी है. यहां 53 साल बाद कांग्रेस की जीत हुई है.

कांग्रेस नेता मनप्रीत सिंह बादल ने भी ट्वीट किया कि बठिंडा में भी कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है. ये करीब 53 साल बाद हुआ है, जब बठिंडा में कांग्रेस पार्टी का मेयर बनेगा. इससे पहले बठिंडा नगर निगम में शिरोमणि अकाली दल का ही कब्जा था.

यह भी पढ़ें:

Petrol Diesel Price Hike: कांग्रेस नेता ने अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन को निशाने पर लिया, दी ये चेतावनी

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Cabinet Briefing: किसानों की बढ़ेगी आय! मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- मोदी कैबिनेट ने लिए कौन-कौन से बड़े निर्णय
किसानों की बढ़ेगी आय! कैबिनेट बैठक में मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- बड़ी बातें
‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में भड़क गई थीं इमरान हाशमी की वाइफ, ऐसा क्या हुआ कि एक्टर का निकल आया था खून?
क्यों ‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में इमरान हाशमी ने खाई थी पत्नी से मार ?
Exclusive: हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- इंटरव्यू के 7 बड़े पॉइंट्स
हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- 7 बड़े पॉइंट्स
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Haryana Election: तंवर की घर वापसी...बीजेपी भंवर में फंसी! ABP NewsPublic Interest: नफरत वाले 'नाइक' की खुली पोल | ABP News | PakistanBharat Ki Baat: CM कुर्सी छोड़ने के बाद इस घर में रहेंगे Arvind Kejriwal | AAP | Delhi | ABP NewsSandeep Chaudhary: हरियाण में थमा चुनावी शोर..कौन मजबूत,कौन कमजोर? वरिष्ठ पत्रकारों का सटीक विश्लेषण

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Cabinet Briefing: किसानों की बढ़ेगी आय! मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- मोदी कैबिनेट ने लिए कौन-कौन से बड़े निर्णय
किसानों की बढ़ेगी आय! कैबिनेट बैठक में मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- बड़ी बातें
‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में भड़क गई थीं इमरान हाशमी की वाइफ, ऐसा क्या हुआ कि एक्टर का निकल आया था खून?
क्यों ‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में इमरान हाशमी ने खाई थी पत्नी से मार ?
Exclusive: हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- इंटरव्यू के 7 बड़े पॉइंट्स
हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- 7 बड़े पॉइंट्स
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
Natasa Stankovic ने फ्लॉन्ट किया बिकिनी में फिगर, तस्वीरें देख दिल हार बैठे फैंस
नताशा स्टेनकोविक ने फ्लॉन्ट किया बिकिनी में फिगर, वायरल हुईं फोटोज
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
Marital Rape Row: मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण, जानें इसके इलाज का तरीका
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण
Embed widget