चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने फिल्म 'शूटर' पर प्रतिबंध लगा दिया है. फिल्म कुख्यात गैंगस्टर सुक्खा काहलवां की जिंदगी और उसके किए अपराधों पर बनी है, जो 'हिंसा, जघन्य अपराध, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी' को बढ़ावा देने वाली है. मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को फिल्म के एक प्रोड्यूसर के.वी. ढिल्लन के खिलाफ संभावित कार्रवाई किए जाने पर भी गौर करने का निर्देश दिया है. प्रोड्यूसर ने साल 2019 में फिल्म के लेखन के दौरान कथित वादा किया था कि वह फिल्म का नाम 'सुक्खा काहलवां' ही रखेगा.
साथ ही, डीजीपी को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि फिल्म के प्रोमोटरों, निर्देशकों और कलाकारों की भूमिका पर भी गौर करें. फ़िल्म का पोस्टर रिलीज होने के बाद ADGP इंटेलिजेन्स वरिंदर कुमार ने सरकार से फ़िल्म और इसके गानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए लिखा था. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसी फ़िल्में पंजाब में कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी जो पंजाब की शांति, सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ें.
गैंगस्टर सुक्खा काहलवां का पंजाब के दोआब क्षेत्र खासकर जालंधर और कपूरथला जिलों में काफी आतंक था. 22 जनवरी 2015 में सुक्खा को पुलिस हिरासत में सरेराह पुलिसवालों के सामने NH-1 पर दूसरे गैंग ने गोलियों से भून दिया था. पुलिस सुक्खा को पेशी के लिए जालंधर जेल से पटियाला ले जा रही था तभी रास्ते में फगवाड़ा के पास गैंगस्टर विक्की गौंडर ने अपने साथियों के साथ गाड़ी रुकवाई और पुलिस के सामने सुक्खा को गोलियां मारकर उसकी लाश के पास भांगड़ा किया.
बताया गया था कि पुलिस के हथियार गैंगस्टरों ने छीन लिए थे, लिहाज़ा पुलिस मूक दर्शक बनकर सुक्खा की हत्या को देखती रही. सुक्खा पर हत्या, अपहरण और फिरौती के क़रीब 20 केस दर्ज थे. गैंगस्टर विक्की और सुक्खा पुराने साथी थे और एक ही गैंग चलाते थे, लेकिन बाद में दोनों ने अलग-अलग गैंग बना लिए थे. विक्की गौंडर को पंजाब पुलिस ने राजस्थान बॉर्डर पर एक एनकाउंटर में मार गिराया था.
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