कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- सताए गए लोगों को आश्रय देना होगा, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने किया था ट्वीट
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को ट्वीट किया. इसको लेकर अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि सीएए संविधान की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है. अमरिंदर सिंह के ट्वीट का रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिखी है. मुख्यमंत्री ने इस चिट्ठी को अपने ट्विटर पर भी शेयर किया है. उन्होंने कानून मंत्री से कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ''रविशंकर प्रसाद जी मैंने राज्य के नेता के रूप में संविधान के तहत अपनी शपथ ली. मैं न तो अनुभवहीन हूं और न ही गुमराह हूं और यह मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करूं और केंद्र को इसपर जरूर ध्यान देना चाहिए. कानून मंत्री के रूप में ये आपको पता नहीं है कि सीएए संविधान की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है.''
अपने एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ''मुझे गंभीरता से चिंता है कि आसानी से सीएए का दुरुपयोग देश में घुसपैठ करने के लिए किया जा सकता है. खासकर पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्यों में. यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा है. क्या बीजेपी के नेतृत्व में केंद्रीय सरकार को पता भी है कि वह क्या कर रही है?''
Dear @capt_amarinder Ji U r a senior, seasoned & informed leader who fought for India as an Army officer earlier.Both center & states have to work together to keep India safe & secure & also give shelter to those persecuted for their faith.This is the glorious tradition of India https://t.co/4EIarorXfS
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) January 3, 2020
इस ट्वीट का कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, ''आप एक वरिष्ठ, अनुभवी और जानकार नेता है, जिन्होंने पहले एक सेना के अधिकारी के रूप में भारत के लिए लड़ाई लड़ी है. भारत को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को एक साथ काम करना होगा और अपने विश्वास के लिए सताए गए लोगों को आश्रय देना होगा. यह भारत की गौरवशाली परंपरा है.''
बता दें कि अमरिंदर सिंह पहले ही ये साफ कर चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून राज्य में लागू नहीं होगा. इसको लेकर पिछले महीने मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया था. इसमें कहा गया था, ''नागरिकता संशोधन कानून भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर सीधा हमला है. इस कानून को उनकी सरकार अपने राज्य में लागू नहीं होने देगी.''