गुरदासपुर: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है. आज भारत सरकार ने अपने हिस्से वाले गलियारे की नींव पंजाब के गुरदासपुर में रखी. 28 नवंबर को पाकिस्तान अपने हिस्से वाले कॉरिडोर का शिलान्यास करेगा. कॉरीडोर के शिलान्यास के मौके पर पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान को जमकर खरी-खरी सुनाई. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीधे पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा को चुनौती देते हुए कहा कि पंजाब की धरती पर खून खराबा नहीं चलेगा.

अमरिंदर सिंह ने कहा, ''कोई फौज नहीं चाहती ही सरहद पर मरते रहे. पाकिस्तान ने दीनानगरस गुरदासपुर में हमले किए. अमृतसर के निरंकारी भवन पर हमला हुआ. ये सब कायराना हरकत पाकिस्तान की है. मैं भी फौज में रह चुका हूं, बाजवा और सब समझ जाएं कि हमारा खून भी खौलता है.''

अमरिंदर सिंह ने कहा, ''मैं इसीलिए पाकिस्तान नहीं जा रहा. मेरा भी मन करता है कि करतारपुर जाऊं लेकिन मैं मुख्यमंत्री हूं इसलिए मेरा धर्म है कि पंजाब और यहां रहने वालों की रक्षा करूं. पंजाब में खून खराबा नहीं चलेगा.''

बिना वीजा जा सकेंगे सिख श्रद्धालु
आजादी के बाद शायद ऐसा पहली बार होगा जब लोग बिना वीजा, बिना किसी रोक-टोक के बॉर्डर पार करेंगे. यही कारण है कि इस कॉरिडोर को भारत और पाकिस्तान के बीच अमन की एक नई आशा के तौर पर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में कहा था कि किसने सोचा था कि बर्लिन की दीवार ढह सकती है और ये गलियारा सिर्फ एक सड़क नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों के पुल के तौर पर काम करेगा.

कौन कौन हुए शामिल?
सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव में इस कॉरिडोर की आधारशिला रखी. ये सड़क गुरदासपुर के मान गांव से पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा तक जाएगी. इस मौके पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह साथ मौजूद रहे.

क्यों है करतारपुर साहिब खास?
पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है. सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने जीवन के आखिरी 18 साल यहां गुजारे. करतारपुर में ही नानकदेव जी की मत्यु हुई थी.

यहीं पर सबसे पहले लंगर की शुरूआत हुई थी. नानकदेव जी ने 'नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का सबक दिया था. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गुरुदासपुर में भारतीय सीमा के डेरा साहिब से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है.

करतापुर कॉरिडोर बनने से क्या फायदा होगा ?
करतापुर कॉरिडोर बनने से सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म होगा. भारत के करोड़ों सिख गुरु नानक की समाधि के दर्शन कर पाएंगे. सिख श्रद्धालुओं को बिना वीजा के पाकिस्तान में एंट्री मिलेगी, सिर्फ टिकट लेना होगा. कॉरिडोर खुलने से भारत-पाकिस्तान के बीच भरोसा बढ़ेगा.

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