पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को विधानसभा में चंडीगढ़ में केन्द्रीय सेवा कानून लागू करने के विरोध में प्रस्ताव पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया. प्रस्ताव के पास होने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि शूरवीरों की धरती पंजाब के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 


भगवंत मान ने लिखा कि आज केंद्र की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया. चंडीगढ़ पर पंजाब के हक़ के लिए हर स्तर पर आवाज़ उठाई जाएगी. देश के लिए गोली खाने के लिए सबसे पहले अपना सीना आगे करने वाले शूरवीरों की धरती पंजाब के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 






इससे पहले भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन में "संतुलन को बिगाड़ने" की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की. उन्होंने प्रस्ताव में कहा कि पंजाब, रीऑगेर्नाइजेशन एक्ट 1966 के दौरान बनाया गया था. इस एक्ट के दौरान हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्से को हिमाचल को दिया गया था. उसी वक्त चंडीगढ़ को यूटी के रूप में स्थापित किया गया, तब से लेकर अब तक BBMC जैसे संयुक्त एसेट को चलाए रखने के लिए पंजाब-हरियाणा से अनुपात के आधार पर कर्मचारियों को रखकर उनकी मैनेजमेंट चलाई जा रही थी.


बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारियों पर पंजाब की जगह केंद्रीय सर्विस नियम लागू होंगे. केंद्रीय सर्विस नियम के अनुसार, कर्मचारी अब 60 साल की उम्र में सेवा मुक्त होंगे. वहीं, महिलाओं को चाइल्ड केयर के लिए एक साल की जगह छुट्टी 2 साल तक की गई.


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