चंडीगढ़: नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस समेत अन्य दलों और किसान संगठनों का विरोध जारी है. इस बीच पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में कानून बनाने के लिए 19 अक्टूबर को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है.


इस संबंध में यहां मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक में निर्णय लिया गया. इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार “संघीय ढांचे के विरोधी” कृषि कानूनों से वैधानिक तरीके से लड़ेगी.


कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि केंद्रीय कानूनों के “खतरनाक प्रभाव” को समाप्त करने के लिए वह विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे.


नहीं हो पाई बातचीत 
पंजाब के किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों पर आंशकों के निराकरण के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा बुलाई गई एक बैठक का बहिष्कार किया, और सरकार पर दोहरी चाल चलने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि बैठक में कोई मंत्री उनकी सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं थे.


जोगिंदर सिंह के नेतृत्व वाली भारती किसान संघ सहित, 29 किसानों के संगठनों, के प्रतिनिधि बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और उनके सहयोगी किसी मंत्री के उपस्थिति न होने से नाराज हो गए.


किसी भी विरोध प्रदर्शन से बचने के लिए पुलिस सुरक्षा के बीच यह बैठक कृषि भवन में बुलाई गई थी. बैठक के बाद, उत्तेजित किसान प्रतिनिधियों को नारे लगाते तथा कृषि भवन के बाहर नए कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ते हुए देखा गया.


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