Jallianwala Bagh Renovation: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज जलियांवाला बाग स्मारक स्थल का पुनर्निर्माण किये जाने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच कहा कि यह शहीदों का अपमान है और यह वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता.
राहुल के आरोपों के बीच आज जब पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से जालियांवाला बाग को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हटा दिया गया है. मेरी नजर में अच्छा दिख रहा है.
इससे पहले शनिवार को अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पुनरुद्धार किया गया जलियांवाला बाग स्मारक “शहीदों को श्रद्धांजलि है और युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक है.” उन्होंने कहा कि यह स्मारक आगामी पीढ़ियों को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के लोगों के अधिकार की याद दिलाता रहेगा.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘जलियांवाला बाग़ के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता. मैं एक शहीद का बेटा हूं. शहीदों का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा. हम इस अभद्र क्रूरता के ख़िलाफ़ हैं.’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जिन्होंने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी, वे उन लोगों को नहीं समझ सकते, जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी.’’ राहुल गांधी ने उस खबर का स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें कहा गया है कि इस स्मारक स्थल की भव्यता को लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने गुस्से का इजहार किया है.
बता दें कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलियांवाला बाग के पुनर्निर्मित परिसर का उद्घाटन किया है. इस बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ‘‘ज्वाला स्मारक’’ की मरम्मत करने के साथ-साथ, परिसर का पुनर्निर्माण किया गया है, वहां स्थित तालाब को एक ‘‘लिली तालाब’’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है. लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है.
इस परिसर में अनेक नई और आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त संकेतकों से युक्त नव विकसित मार्ग, महत्वपूर्ण स्थानों को रोशन करना, और अधिक वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य, चट्टान युक्त निर्माण कार्य और पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं. इसके अलावा मोक्ष स्थल, अमर ज्योति और ध्वज मस्तूल को समाहित करने के लिए भी कार्य किया गया है.
कतर में भारत के राजदूत ने तालिबान के नेता मोहम्मद अब्बास से की मुलाकात