चंडीगढ़: देश की राजधानी दिल्ली में इस वक्त वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी लगने के बाद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाया भी इसका एक बड़ा कारण है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोहराया है कि पराली जलाने की प्रथा से किसानों को दूर करने के लिए केंद्र को उन्हें आर्थिक सहायता देनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने धान के अवशेषों को जलाने की समस्या के प्रति उदासीन रवैया अपनाने के लिए केंद्र पर निशाना भी साधा है.


धान के ठूंठ को जलाये जाने की समस्या के समाधान के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ''गेंद अब केंद्र के पाले में है और इस समस्या के समाधान के लिए उन्हें कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.'' मुख्यमंत्री ने पराली जलाने की प्रथा पर धीरे-धीरे रोक लगाने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता देने की जरूरत को रेखांकित किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजाब के 75 फीसदी किसानों के पास दो एकड़ से कम जमीन है और पराली का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन उनके लिए व्यवहार्य नहीं है.


इससे पहले पंजाब के सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पराली प्रबंधन के लिए किसानों को अलग से बोनस देने की मांग की थी. बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में बढते वायु प्रदूषण के लिए लगातार पड़ोसी राज्यों-हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.


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