BSF in West Bengal, Punjab and Assam: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ा दिया है. अब बीएसएफ अधिकारियों को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में देश की सीमा से लगते 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी और जब्ती की अनुमति मिल गई है. ऐसे में पाकिस्तान बॉर्डर पर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक बढ़ाने पर सियासी बवाल मच गया है.
पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय के इस प्रावधान पर सख्त एतराज जताया है. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर लिखा, "अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं, भारत सरकार के इस एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, यह संघीय ढाचे पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस तर्कहीन निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं."
बता दें कि बीएसएफ अब बॉर्डर से 50 किलोमीटर के दायरे में ड्रग्स पकड़ने के लिए छापेमारी और बरामदगी कर सकती है. पहले यह दायरा केवल 15 किलोमीटर तक सीमित था. हालांकि, बीएसएफ 100 मीटर के दायरे तक ही कार्रवाई करती थी. बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने से पंजाब के कांग्रेस नेता सवाल उठा रहे हैं. इसे केंद्र का राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने से जोड़कर देखा जा रहा है.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी ने गृह मंत्रालय के इस फैसले पर ट्वीट किया, "ऐसे में पंजाब का आधा हिस्सा अब बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ जाएगा, चरणजीत सिंह को इसका विरोध करना चाहिए."
पंजाब के गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, "केंद्र ने अमृतसर बटाला और अमृतसर तक का इलाका बीएसएफ को दे दिया. पीएम मोदी से अपील है कि इसे मंजूर ना किया जाए. बीएसएफ ड्रोन पर ध्यान दें. केंद्र सरकार करना क्या चाहती है, हमें तो समझ नहीं आ रहा. पंजाब पुलिस आतंकवाद से लड़ी है, क्या वो ड्रग्स से नहीं लड़ सकती? पंजाबियों को शक की नजर से क्यों देख रहा है केंद्र? संघीय ढांचे पर सीधी चोट है."
आगे उन्होंने कहा, "हम पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख रहे हैं. साथ ही दोनों से मिलने का टाइम मांग रहे हैं. बॉर्डर को सील करो, नो मैन लैंड पर बीएसएफ को कंट्रोल करना है ना कि पंजाब पुलिस की जद में आकर जांच करने का. गुजरात में बीएसएफ का इलाका कम किया गया है. वहां इलाका खाली पड़ा है, लेकिन पंजाब में बॉर्डर पर आबादी है, शहर हैं. पंजाब के खिलाफ केंद्र कोई कार्रवाई करना चाहता है इसलिए ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाना इतना आसान नहीं. हम पीएम को हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि पंजाब का भाईचारा खराब करने की कोशिश ना करें."
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