चंडीगढ़: पंजाब में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के अचानक हुए इस्तीफे के बाद से राजीनितिक हलचल तेज है. एक बाद एक बयानों की बारिश हो रही है. इस बीच आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट की बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने बिजली बिल माफी का बड़ा एलान किया. इसके साथ ही सिद्धू को लेकर उठ रहे सवालों के भी जवाब दिए. मुख्यमंत्री ने माना कि सिद्धू के इस्तीफे से माहौल खराब हुआ. उन्होंने कहा कि मैं सिद्धू बैठकर बात करें और मामले को सुलझा लेंगे.


नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफों को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी का मुखिया होता है प्रधान. परिवार में बैठकर समस्या का समाधान होता है सिद्धू साहब से फ़ोन पर बातचीत हुई है. पार्टी सुप्रीम है, विचारधारा सुप्रीम है. उन्होंने कहा कि आपको अगर लगता है की गलती हुई है तो आप बताएं. पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोई कोशिश नहीं है. हम और वह बैठकर बात चीत करके ख़त्म करेंगे.


बिजली बिल माफी का एलान किया
उन्होंने कहा कि दो किलोवाट के उपभोक्ताओं का बकाया बिल सरकार बिल भरेगी, उनके कनेक्शन बहाल किये जाएंगे. इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''बिजली बिल पर रहत को लेकर दो दौर की बैठकें हो चुकी हैं. कई लोग मजबूरन बिना बिजली के रह रहे हैं. कई लोगों के बिजली का कनेक्शन कटा हुआ है और बिना बिजली के बीच रह रहे हैं. प्रदेश में 55 हजार से एक लाख लोगों का कनेक्शन कटा हुआ है.'' उन्होंने कहा कि सितंबर महीने का बिल इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होगा. अगस्त महीने तक का बकाया पंजाब सरकार भरेगी.


सिद्धू इस्तीफे के बाद बोले- पंजाब की बेहतरी के लिए आखिरी दम तक लड़ूंगा
सिद्धू ने ट्विटर पर बयान जारी कर रहा है कि वो हक़-सच की लड़ाई लड़ रहे हैं और आखिरी दम तक उनकी ये लड़ाई जारी रहेगी. सिद्धू ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ''मेरा 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के लिए रहा. पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति पर स्टैंड लेकर खड़ा रहना यही मेरा धर्म है. मेरी आज तक किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं रही. मैं न हाईकमांड को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता. इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की ज़िन्दगी को बेहतर करने के लिए किसी भी चीज की कुर्बानी मैं दूंगा. इसके लिए मुझे कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है.''


सिद्धू ने कहा, ''6 साल पहले जिन्होंने बादलों को क्लीन चिट दी. उन्हें इंसाफ का जिम्मा सौंपा गया है.  मैंने हाईकमान को न गुमराह किया और न होने दूंगा. इन लोगों को लाकर सिस्टम नहीं बदला जा सकता. जिन लोगों ने ड्रग तस्करों को सुरक्षा कवच दिया. उन्हें पहरेदार नहीं बनाया जा सकता.''  उन्होंने कहा कि मैं अडूंगा और लडूंगा, कोई पद जाता है तो जाए. अपने शायराना अंदाज में सिद्धू ने कहा, ''उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है.''


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