नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रिश्तों में आई खटास जल्द ही खत्म हो सकता है. दोनों की ओर से जारी तनातनी को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाए गए हैं. दोनों के बीच सुलह करवाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कदम उठाया है.


दोनों के बीच मतभेद दूर करने के लिए सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल शामिल हैं.


ये तीनों नेता मिलकर दोनों के बीच जारी मतभेद को खत्म करेंगे. इस दौरान ये तीनों नेता सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का पक्ष जानेंगे और गतिरोध खत्म करवाएंगे.


आपको बता दें कि सोनिया गांधी की ओर से गठित समिति राज्य में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के अंदर अंदरूनी कलह और गुटबाजी के बारे में जानकारी हासिल करेगी और इसे शीर्ष स्तर पर इसके बारे में जानकारी देगी.


समिति की घोषणा के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पैनल को पंजाब में पार्टी और सरकार को मजबूत करने के साथ-साथ प्रदेश में पार्टी नेताओं के बीच गतिरोध को हल करने के लिए उन्हें काम सौंपा गया है.


हरिश रावत ने कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत किया जाए. पंजाब में कांग्रेस को एकजुट करने और आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत तय करने में मदद करना है."


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