Punjab Congress News: पंजाब कांग्रेस के नए ‘कैप्टन’ नवजोत सिंह सिद्धू 23 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद का भार ग्रहण करेंगे. उन्होंने इस मौके के लिए 65 विधायकों का हस्ताक्षर किया हुआ निमंत्रण पत्र राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेजा है. इसके साथ ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत को भी न्योता भेजा है. सूत्रों ने इन बातों की जानकारी दी. पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायक हैं.


कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू को भले ही प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दे दी हो लेकिन पंजाब कांग्रेस का कलह अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. इस बीच सिद्धू ने बुधवार को ‘शक्ति प्रदर्शन’ किया. पंजाब कांग्रेस के विधायकों के साथ वे स्वर्ण मंदिर पहुंचे. वहां उन्होंने माथा टेका. सिद्धू के साथ पार्टी के विधायक बुधवार को ‘लग्जरी’ बसों में स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थक भी मौजूद थे. सिद्धू और सभी विधायक दुर्गियाना मंदिर और राम तीरथ स्थल भी गए.






स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा, ‘‘हमने समृद्ध पंजाब के लिए प्रार्थना की, जिसमें हम सभी का योगदान होगा.’’ सार्वजनिक रूप से माफी मांगने तक सिद्धू से नहीं मिलने के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह रुख पर कुछ विधायकों ने कहा कि इसकी कोई जरुरत नहीं है. यह पूरा आयोजन करने वाले मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के व्यवहार पर आश्चर्य हुआ. उन्होंने कहा कि राज्य प्रमुख पद पर सिद्धू की नियुक्ति सभी को स्वीकार करनी होगी और उसका सम्मान करना होगा, फिर चाहे अतीत में उनके बीच कोई भी और कैसा भी मतभेद रहा हो.


सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच मतभेद पर विधायक मदन लाल जलालपुर ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को दिल से सिद्धू का स्वागत करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ बयानबाजी करने वाले प्रताप सिंह बाजवा से भी मुलाकात की थी. हालांकि अमरिंदर सिंह के सलाहकार उन्हें सही रास्ता नहीं दिखा रहे हैं.’’


पंजाब के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने मंगलवार को उन खबरों को खारिज कर दिया था कि सिद्धू ने उनसे मुलाकात के लिए समय मांगा है. मीडिया सलाहकार ने कहा था कि जब तक सिद्धू सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गईं अपमानजक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते, मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिलेंगे. जलालपुर ने इस पर कहा, ‘‘ वह माफी क्यों मांगे. यह सही है कि उन्हें उनका सम्मान करना चाहिए और वह मुख्यमंत्री का सम्मान करते भी हैं, लेकिन वह माफी क्यों मांगे.’’


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