पंजाब कांग्रेस का झगड़ा जारी: सीएम के दफ्तर ने कहा- सिद्धू ने मिलने का समय नहीं मांगा, माफी के बिना मुलाकात भी नहीं
पंजाब के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने साफ कर दिया कि जब तक नवजोत सिंह सिद्धू सार्वजनिक रूप से कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांफी नहीं मांगेंगे, तब तक सीएम से मुलाकात नहीं हो पाएगी.
Punjab Congress News: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बावजूद कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बना तो दिया लेकिन कैप्टन और सिद्धू के बीच सुलह नहीं करवा सके. अब मुख्यमंत्री के दफ्तर ने खुल कर एलान कर दिया है कि कैप्टन सिद्धू से तभी मिलेंगे जब सिद्धू सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने आधिकारिक रूप से बताया है कि कैप्टन सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक सिद्धू सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर किए व्यक्तिगत अपमानजनक हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से खेद नहीं जताते.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के दफ्तर से उन खबरों का भी खंडन किया गया है जिसमें यह बताया जा रहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू ने उनसे मिलने का समय मांगा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने साफ किया है कि सिद्धू ने कैप्टन से मिलने का समय नहीं मांगा है. इसी के साथ उन्होंने सिद्धू और कैप्टन की मुलाकात से पहले सिद्धू के माफी मांगने की शर्त का एलान भी कर दिया और ट्विटर पर लिखा कि रुख में कोई बदलाव नहीं है, कैप्टन सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक सिद्धू माफी नहीं मांगते. इससे पहले बताया गया था कि शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने माफी वाली शर्त प्रभारी हरीश रावत के सामने भी रखी थी.
दरअसल, सिद्धू ने बीते दो-तीन हफ्तों में कैप्टन अमरिंदर सिंह पर वादे पूरे नहीं करने के आरोप तो लगाए ही साथ ही बादलों के साथ मिलीभगत का आरोप लगा दिया. सिद्धू के लहजे से कैप्टन काफी आहत हैं. यही वजह है कि पंजाब कांगेस अध्यक्ष बनाए जाने के 48 घन्टे बाद भी कैप्टन ने सिद्दू को बधाई नहीं दी है.
जाहिर है सिद्धू को प्रदेश की कमान देने भर से कांग्रेस आलाकमान की परेशानी खत्म नहीं हुई है. छह महीने बाद चुनाव होने है और अगर दोनों नेताओं में लड़ाई खत्म नहीं हुई तो पार्टी का नुकसान तय है.