Punjab News: नवजोत सिद्धू ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, ड्रग्स मामले में STF रिपोर्ट को दबाए रखने का लगाया आरोप
Punjab News: नवजोत सिद्धू ने कहा कि ड्रग्स पर कार्रवाई नहीं करके हम अकाली के निंदनीय विरासत को आगे बढ़ाने का आरोप झेल रहे हैं.
Punjab News: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता से 2017 में ये वादा किया गया था कि हम चार हफ्ते में ही ड्रग्स से जुड़े लोगों की कमर तोड़ देंगे, लेकिन एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2017 से 2020 तक पंजाब लगातार चार सालों तक एनडीपीएस से जुड़े अपराधों के मामले में पहले नंबर रहा है.
नवजोत सिद्धू ने कहा कि ड्रग्स पर कार्रवाई नहीं करके हम अकाली के निंदनीय विरासत को आगे बढ़ाने का आरोप झेल रहे हैं. उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एक टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि ड्रग तस्कर राजनीतिक संरक्षण पाकर बच निकलते हैं, सिर्फ छोटे लोग ही पकड़े जाते हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि 12 लाख ट्रामाडोल टैबलेट्स (CRM-M-28183-2019 की रिकवरी से जुड़े केस की जांच को हाई कोर्ट ने सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था और कहा था कि पंजाब राज्य के पदाधिकारी जानबूझकर ड्रग के आरोपियों को बचा रहे हैं.
Further, in case involving recovery of 12.00 lacs Tramadol tablets(CRM-M-28183-2019), Hon’ble HC transferred the investigation to CBI with a remark that “Punjab State Functionaries for the reason best known to them are intentionally protecting the drug offenders”.
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 17, 2021
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने ड्रग्स पर एसटीएफ के रिपोर्ट की एक कॉपी सरकार को भेजी थी, लेकिन बजाय कानून के मुताबिक उस पर कार्रवाई करने के, हम एसटीएफ रिपोर्ट पर फरवरी 2018 से बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यहां तक कि हम इस कई करोड़ के ड्रग केस में अन्य आरोपियों को पकड़ने में भी नाकाम रहे हैं. इसका समाधान यही है कि हम बड़ी मछली को पकड़ें और उन्हें सज़ा दें.
सिद्धू ने अपने आखिरी ट्वीट में कहा है कि कानून के मुताबिक, सरकार के पास सभी पावर हैं एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर आगे बढ़ने का. उन्होंने कहा कि नार्को टेररिज़्म के लिए ज़िम्मेदार मड़ी मछलियों को पकड़ने के लिए इसके आधार पर (एसटीएफ रिपोर्ट) एक एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और तय वक्त में इसकी जांच शुरू करनी चाहिए. उन्होंने ये भी मांग की है कि तत्काल रिपोर्ट को सार्वजनिक कर देना चाहिए.