नई दिल्लीः देशभर में कोरोना महामारी के साथ ही अब ब्लैक फंगस का प्रकोप कई राज्यों में व्यापक तौर पर देखा जा रहा है. इस बीच पंजाब के कोविड विशेषज्ञ समूह के प्रमुख डॉ केके तलवार ने बुधवार को कहा है कि महामारी की पहली लहर के दौरान भी म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस के मामले सामने आए थे, लेकिन इस बार मामले कई गुना बढ़ गए हैं.


पंजाब में अब तक ब्लैक फंगस रोग के 158 मामले सामने आने के साथ, डॉ तलवार ने कहा कि इस बार संक्रमण बहुत अधिक है. उनका कहना है कि ऐसा डॉक्टरों द्वारा दिए गए स्टेरॉयड की अधिक खुराक और मधुमेह रोगियों के अनियंत्रित ब्लड शुगर के स्तर के कारण फैल रहा है.


डॉ तलवार का कहना है कि ब्लैक फंगस कोई नई बीमारी नहीं है. कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान भी इसके कुछ केस सामने आए थे. गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों ने पहली लहर में म्यूकोर्मिकोसिस के मामलों की सूचना दी थी. साथ ही कोविड से पहले भी कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन अब इस बीमारी से बीमार पड़ने वाले मरीजों की संख्या कहीं ज्यादा है. पहले पीजीआईएमईआर में एक साल में ब्लैक फंगस के करीब 50 केस आते थे. वहीं अब उन्हें पिछले एक महीने में इस फंगल संक्रमण के 50 मामले मिले हैं.


उनका कहना है कि देशभर में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्सक स्टेरॉयड को 'राम बाण' समझ रहे थे. लेकिन अब हम ब्लैक फंगस का भी सामना कर रहे हैं. हम  चिकित्सकों को स्टेरॉयड की अधिक मात्रा के परिणामों के बारे में जागरूक कर रहे हैं. ज्यादातर चिकित्सकों को इस बात का एहसास नहीं है कि वे घातक बीमारियों का कारण बन सकते हैं.


 


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