Amritpal Singh Operation: भगोड़े अमृतपाल सिंह के बंकर का पर्दाफाश, शूटिंग रेंज में गुर्गों को देता था ट्रेनिंग
Punjab News: अमृतपाल अपने गुर्गों के साथ मिलकर देश के खिलाफ खतरनाक साजिश कर रहा था. गोरखा बाबा के मोबाइल से पता चला है कि अमृतपाल सिंह ने खालिस्तान का नक्शा, झंडा और करेंसी तक प्लान कर रखी थी.
Fugitive Amritpal Singh bunker exposed: खालिस्तान का ख्वाब देखने वाले भगोड़े अमृतपाल सिंह के इरादे कितने खतरनाक हैं, ये अब सामने आ रहा है. उसने बाकायदा बंकर और शूटिंग रेंज तक बनवा रखे थे, जहां ये भाड़े की फौज खड़ी कर अपने गुर्गों को ट्रेनिंग दे रहा था. इसे एबीपी न्यूज ने बेनकाब कर अमृतपाल के बंकर तक पहुंचकर इसके आधा दर्जन शूटिंग रेंज कैमरे में कैद किए हैं. साथ ही पुलिस की आंख में धूल झोंक कर 8 दिनों से फरार भगोड़े की साजिश का पर्दाफाश किया है. बताया जा रहा है कि शहर दर शहर भागता, वेश बदलता फिरता भगोड़ा अमृतपाल सरहद लांघने की फिराक में है.
एबीपी न्यूज ने भगोड़े की साजिश का किया खुलासा
एबीपी न्यूज ने अमृतपाल मामले में एक और बड़ा खुलासा किया है, जिसका जरिया बना तेजेंद्र सिंह उर्फ गोरखा बाबा नाम का शख्स. उसे पुलिस ने पंजाब के खन्ना से गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है वह अमृतपाल का गनर है. पुलिस को तलाशी में उसके मोबाइल से पाकिस्तानी युवक का लाइसेंस मिला है. पुलिस को शक है कि वो आईएसआई एजेंट्स को सरहद पार करवा रहा था.
अमृतपाल सिंह करीब 8 दिन से फरार चल रहा है. उसने अपने जलीखेला गांव के पास नहर के किनारे एक बंकर बना रखा था, जहां वो अपने नाकाम मंसूबे पर काम कर रहा था. उसकी भनक किसी को नहीं थी, तफ्तीश के दौरान पता चला कि उसके लड़ाके इस बंकर में शूटिंग की प्रैक्टिस कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक अमृतपाल अपने गुर्गों के साथ मिलकर देश के खिलाफ खतरनाक साजिश रच रहा था.
भारत-नेपाल बॉडर पर चौकसी बढ़ाई गई
गोरखा बाबा के मोबाइल की पड़ताल से पता चला है कि अमृतपाल सिंह ने खालिस्तान का नक्शा, झंडा और करेंसी तक प्लान कर रखी थी. इस बीच पुलिस को अमृतपाल सिंह के पास्पोर्ट का नंबर भी हाथ लगा है. पासपोर्ट नंबर है v2155280. इस पासपोर्ट के जरिये अमृतपाल सिंह भारत लौटा था. अमृतपाल सिंह जब पाकिस्तानी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दूबई से भारत आया था, तब से ही वो अपनी साजिशों को अंजाम देने में जुट गया. लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए एक तरफ वो धर्म की आड़ ले रहा था, तो दूसरी तरफ नशे के खिलाफ मुहिम चला रहा था. नवंबर 2022 में अमृतपाल ने अपने गांव में एक नशा मुक्ति केंद्र भी खोला था, जिसकी आड़ में वो युवाओं को भड़का रहा था.
अमृतपाल फरार होने से पहले तक अपने देश विरोधी एजेंडे में जुटा हुआ था, लेकिन अब जब पुलिस उसके पीछे पड़ी तो वो दुम दबाकर भाग रहा है. अमृतपाल को पकड़ने के लिए आठ राज्यों में तालाश की जा रही है. उसको लेकर भारत- नेपाल बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई है. पुलिस की ओर से अब तक उसके 150 से ज्यादा समर्थक गिरफ्तार किए जा चुके हैं. अमृतपाल को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है.
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