पंजाब का घमासान अभी थमा नहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह कर सकते हैं बाजवा का समर्थन
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष का मामला सुलझने कि बजाए और उलझ सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर अध्यक्ष पद के लिए नवजोत सिंह सिद्धू कि बजाए प्रताप सिंह बाजवा का समर्थन कर सकते हैं.
नई दिल्लीः नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेजे गए संदेश के बाद अब मामला सुलझने कि बजाए और उलझ सकता है. एबीपी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक प्रभारी महासचिव हरीश रावत की मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से इस संबंध में हुई मुलाकात के बाद भी अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ हैं.
यही नहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर अध्यक्ष पद के लिए सिद्धू कि बजाए अपने पुराने प्रतिद्वंदी और पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा का समर्थन कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक़ कैप्टन का तर्क है कि अगर सुनील जाखड़ को हटा किसी जट सिख को हीं प्रदेश अध्यक्ष बनाना है तो फिर पुराने और निष्ठावान कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा क्यों नहीं.
बाजवा और कैप्टन की मुलाकात करीब 4 घंटे चली
हरीश रावत की मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से हुई मुलाकात के बाद देर शाम प्रताप सिंह बाजवा कैप्टन से मिलने पहुंचे थे और दोनों की मुलाकात करीब 4 घंटे तक चली. बाजवा के अलावा इस बैठक में विधानसभा स्पीकर, पंजाब सरकार में मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी भी मौजूद थे.
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई प्रताप सिंह बाजवा से मुलाक़ात की तस्वीर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी लिखा कि ये नया गुट भविष्य की परिस्थितियों के मद्देनज़र बहुत माकूल होगा.
पुराने कांग्रेस नेता कैप्टन के पक्ष में हो रहे लामबंद
साफ है कि कैप्टन से मिलने के बाद हरीश रावत ने भले हीं ट्वीट करके अमरिंदर सिंह के मान जाने के संकेत दिए हों मगर सच्चाई फिलहाल कुछ और ही लग रही. पुराने कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर के पक्ष में लामबंद हो रहे हैं और इनका कहना है कि नेतृत्व ज़बरदस्ती सिद्धू को सहमति के बगैर उन पर थोप रहा है.
इस बीच कयास लगाए जा रहे थे कि रविवार को कांग्रेस नेतृत्व नवजोत सिंह सिद्धू के नाम का ऐलान कर सकता है पर अब देखना दिलचस्प होगा कि सोनिया गांधी ऐसा करतीं हैं या नहीं. क्योंकि सूत्रों के मुताबिक आज हरीश रावत नवजोत सिद्धू को कैप्टन से मिलवाना चाहते थे मगर अमरिंदर सिंह ने ये कह कर सिद्धू से मिलने से मना कर दिया कि वो तब तक सिद्धू से नहीं मिलेंगे जबतक कि सिद्धू उनसे सार्वजनिक माफी नहीं मांगते.
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