मजीठिया और सिद्धू को सियासी मैदान में पटखनी देने वाली आप विधायक के बारे में जानिए सबकुछ
एक साधारण कार्यकर्ता जीवन ज्योत कौर ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे नेताओं को पराजित किया है.
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आ चुके हैं. पंजाब में पहली बार आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने जा रही है. हालांकि, चुनाव नतीजे सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी की जीवन ज्योत कौर की खूब चर्चा हो रही है. जीवन ज्योत कौर, अमृतसर की ईस्ट सीट से चुनावी मैदान में थीं, जिन्होंने सूबे के दो दिग्गज नेताओं को हराया है. एक साधारण कार्यकर्ता जीवन ज्योत कौर ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे नेताओं को पराजित किया है.
एनजीओ चलाती हैं जीवन ज्योत कौर
जीवन ज्योत कौर शहर में लंबे समय से समाज सेविका के तौर पर काम कर रही हैं. वे अपनी एक एनजीओ (हेमकुंट एजुकेशन सोसायटी) के साथ आम लोगों की सेवा कर रही हैं. जीवन ज्योत कौर करीब दो दशकों से अमृतसर शहर के जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा का प्रबंध करती रही हैं. इसके अलावा इनकी एनजीओ अशिक्षित और बेरोजगारी का खात्मा करने, सेहत सेवाएं, पुनर्वास और नौजवानों को तकनीकी शिक्षा देकर सामर्थ्य बनाने पर काम करती है.
आम आदमी पार्टी के साथ 2015 से जुड़ी हैं
जीवन ज्योत कौर ने वकालत की पढ़ाई की है. वे एक साधारण परिवार से आती हैं. जीवन ज्योत कौर 2015 से ही आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ी हुई हैं और पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष रही हैं. कौर बीए एलएलबी की पढ़ाई की हैं. जीवन ज्योत कौर ने पहली बार चुनाव लड़ा है और पंजाब की सियासत के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू को हराया है. साथ अकाली दल के दिग्गज नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को भी हराया है.
सिद्धू को 6,750 वोटों के अंतर से हराया
जीवन ज्योत कौर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू को 6,750 वोटों के अंतर से हराया है. जीवन ज्योत कौर को 39,679 वोट मिले, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू 32,929 वोट मिले. अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट पर विक्रम सिंह मजीठिया तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 25,188 वोट मिले.
राजनीति नहीं बदलाव के लिए है आप- कौर
पार्टी की जीत को लेकर जीवन ज्योत कौर ने कहा कि इस बार लोग बदलाव चाहते थे. उन्होंने कहा कि आम आमदी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है, जो राजनीति नहीं, बल्कि बदलाव के लिए आई है. उन्होंने बताया कि वो एक एनजीओ चलती हैं. उन्होंने कहा, "तीन राज्यों में मेरी एनजीओ एक्टिव है. 2015 में मुझे लगा कि समाज सेवा को और बेहतर ढंग से करने के लिए कोई राजनीतिक पार्टी ज्वॉइन करनी चाहिए, ऐसे में मुझे आम आदमी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी लगी, जो समाज सेवा का काम करती है."
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