Punjab Assembly Election: पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पार्टी की ओर से चरणजीत सिंह चन्नी को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा पेश कर दिया. वहीं इस फैसले पर वहीं सीएम की दौड़ में शामिल नवजोत सिंह सिद्धू अभी तो चुप रह गए लेकिन क्या इतनी आसानी से पार्टी का फैसला मानेंगे.


दरअसल जैसे ही राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस के सीएम कैंडिडेट का ऐलान किया मंच पर कुछ सेंकेंड्स के अंतर पर राजनीति की कभी ना भूलने वाली तस्वीरें कैद हुईं. राहुल गांधी ने चन्नी के नाम की घोषणा की तो अपना नाम सुनते ही चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू के पैर छुए. सिद्धू ने भी चन्नी का हाथ उठाकर विजेता का एलान कर दिया.


फिर मंच पर राहुल गांधी, चन्नी और सिद्धू गले लगे. हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू के चेहरे के भाव कुछ और ही बयां कर रहे थे लेकिन पार्टी आलाकमान के फैसले के आगे सिद्धू शांत दिखे. बीते कुछ दिनों से जो घमासान पंजाब कांग्रेस में छिड़ा था उसकी हैप्पी एंडिंग मंच से दिखाने की भरपूर कोशिश की गई .


पंजाब के लोग मेरा हौसला बढ़ाएंगे- चन्नी


कैंडिडेट घोषित किए जाने के बाद चन्नी ने कहा, 'यह बहुत बड़ी लड़ाई है मेरे पास न पैसा है न हिम्मत, मुझे उम्मीद है कि पंजाब के लोग मेरा हौसला बढ़ाएंगे और साथ देंगे." उन्होंने कहा, "सबको साथ लेकर चलेंगे. कांग्रेस की सरकार बनेगी, कोई चुनौती नहीं है"


एक तरफ जहां पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी इस फैसले से खुश दिखे. चन्नी के एलान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा, "अच्छा फैसला है, पार्टी को चन्नी और सिद्धू दोनों की जरूरत है. " वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के चन्नी को सीएम कैंडिडेट बनाने के ऐलान के साथ ही हमले शुरू हो गए. अकाली दल  के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कांग्रेस के इस फैसले पर कहा कि सीएम कैंडिडेट रेत माफिया है. तो वहीं AAP नेता राघव चड्ढा ने कांग्रेस पर निसाना साधते हुए कहा कि पार्टी कॉपी कर रही है. 


बता दें कि सीएम चेहरे में सिद्धू और चन्नी के बीच जंग थी लेकिन आखिरकार चन्नी को जीत मिली और उन्हें सीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया गया. आखिर कांग्रेस को चन्नी के चेहरे पर इतना भरोसा क्‍यों है? इसके लिए पंजाब में वोटों का गणित समझ लिजिए. दरअसल चन्नी पंजाब के पहले अनुसूचित जाति से आने वाले सीएम हैं. 


34 सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित


पंजाब में कुल 117 विधानसभा सीटों में से 34 सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं. कांग्रेस अनुसूचित जाति को साधना चाहती है. कांग्रेस ने जट्ट सिख से आने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है तो सत्ता की कमान अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले चन्नी को देने की घोषणा कर जातीय संतुलन बनाने की भी कोशिश की है.  


मुख्यमंत्री चन्नी सिख समुदाय की अनुसूचित जाति से आते हैं. वह पंजाब में 32 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं. इसमें 19.4 फीसदी अनुसूचित जाति के सिख हैं. यही जातीय समीकरण चरणजीत सिंह चन्नी के कांग्रेस का सीएम चेहरा बनने के लिए वजह बने. चन्नी के नाम के ऐलान पर उनकी पत्नी मीडिया से बात करते हुए अपने खुशी के आंसू नहीं रोक पाईं. 


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