चंडीगढ़: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के 65 वर्षीय एक किसान ने सोमवार को दिल्ली के सिंघू बॉर्डर के पास कथित रूप से किसी विषैले पदार्थ का सेवन कर खुदकुशी का प्रयास किया. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.


पुलिस अधिकारी ने बताया कि पंजाब के तरण तारण के रहने वाले निरंजन सिंह को रोहतक के पीजीआईएमएस में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जाती है. आत्महत्या की कोशिश से पहले किसान ने एक पत्र भी छोड़ा जिसका पुलिस सत्यापन कर रही है.


आत्महत्या के प्रयास की वजह के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘हम उनका बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं.’’ इससे पहले पिछले सप्ताह ही सिंघू सीमा के पास सिख उपदेशक संत राम सिंह ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी.


बता दें इससे पहले 16 दिसंबर को सिंघु बार्डर पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने किसानों के समर्थन में खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी.


संत बाबा रामसिंह सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से प्रसिद्ध थे. उनका डेरा करनाल जिले में निसंग के पास सिंगड़ा गांव में है. उन्हें संत बाबा राम सिंह ‘सिंगड़ा वाले’ के नाम से ही जाना जाता था. संत रामसिंह दुनियाभर में प्रवचन करने के लिए जाते थे. वह नानकसर संप्रदाय से जुड़े हुए थे.


राम सिंह ने कथित सुसाइड नोट भी छोड़ा था. उन्होंने लिखा, “किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है. सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है जो कि जुल्म है जो जुल्म करता है वह पापी है जुल्म सहना भी पाप है किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है. किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है यह जुल्म के खिलाफ आवाज है यह किसानों के हक के लिए आवाज है वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह.”


गौरतलब है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान करीब चार सप्ताह से सिंघू बॉर्डर समेत दिल्ली की अनेक सीमाओं पर डेरा डाले हैं.


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