Farmers Protest: पंजाब में किसान एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए हैं. शनिवार (26 अक्टूबर) को राज्य सरकार के खिलाफ एक दिन का विरोध प्रदर्शन की तैयारी की गई है, जिसमें किसान धान की समय पर खरीद सहित अलग-अलग मांगों को लेकर सड़कें जाम करेंगे. भारतीय किसान यूनियन पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल ने बताया कि 26 अक्टूबर को वे पंजाब के चार प्रमुख जगहों पर दोपहर 1 बजे से चक्का जाम करेंगे.
किसान नेता ने आगे कहा कि वे संगरूर और मोगा जिलों के साथ-साथ फगवाड़ा और बटाला में एक-एक स्थान पर चक्का जाम करेंगे. साथ ही ये भी कहा अगर उनकी मांगों को पूरी नहीं की गई तो ये एक दिवसीय धरना अनिश्चितकालीन प्रदर्शन में बदल जाएगा.
किन मांगों को लेकर किसान कर रहे हैं धरना प्रदर्शन
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सुरजीत सिंह फुल ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्य रूप से धान खरीद में देरी के खिलाफ यह प्रदर्शन किया जा रहा है. इस बार धान खरीदी 1 अक्तूबर से शुरू की गई थी. जिसमें शुरूआती 15 दिनों में पंजाब के अनाज बाजारों में 11.10 लाख टन पहुंचा है, लेकिन खरीद एजेंसियों ने केवल 10% धान ही उठाया है. इस पर उन्होंने कहा ये धान की बंपर फसल की धीमी खरीद को दर्शाता है.
धान की धीमी गति से हो रही है खरीदी
शुक्रवार (25 अक्टूबर) को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर के साथ किसानों ने पंजाब के अलग-अलग जगहों पर सड़कें जाम की. उनका कहना है कि हम ये प्रदर्शन धान की धीमी गति से खरीदी के कारण कर रहे हैं. प्रदर्शन की वजह से कई जगहों पर ट्रैफिक जाम भी देखने को मिला. जिससे कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. लुधियाना में किसानों ने समराला, खन्ना, दोराहा, माछीवाड़ा, जगराओं, मुल्लांपुर और रायकोट जैसे स्थानों पर धरना दिया.
बीजेपी और आप सरकार पर लगाए आरोप
SKM नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, "पंजाब की आप सरकार और बीजेपी नीत केंद्र सरकार दोनों इस गड़बड़ी के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं." उन्होंने ये भी कहा कि किसानों और राज्य की अर्थव्यवस्था की कीमत पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जाना चाहिए बल्कि समस्या का करना चाहिए.
पराली जलाने के मुद्दे बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कह दी बड़ी बात
पंजाब में धान खरीद में देरी पर दिल्ली में एक बैठक की गई. इसकी बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, खाद्य राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की. पराली जलाने के मुद्दे पर सरकार पर हमला करते हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों को बताना चाहिए कि उन्हें पराली के बारे में क्या करना चाहिए.
पराली जलाने पर सरकार किसानों पर कार्रवाई कर रही है और हरियाणा में अगर कोई किसान पराली जलाता है तो उसकी उपज दो साल तक बाजारों मे नहीं बिकेगी. मुझे ऐसी तकनीक के बारे में बताएं जिससे बिना पराली जलाए गेहूं उगाया जा सके. अभी तक पंजाब के किसान ही विरोध कर रहे हैं. 21 अक्टूबर को पंजाब के किसानों ने सरकार से पराली जलाने का स्थायी समाधान निकालने का अनुरोध किया था और कहा पराली जलाना उनकी मजबूरी है.
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