PM Modi Convoy Stopped: पंजाब के फिरोजपुर में पीएम नरेंद्र मोदी का काफिला रोके जाने के मामले पर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता जमकर चरणजीत चन्नी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और असम के सीएम हेमंत बिस्व शर्मा ने भी पंजाब सरकार पर निशाना साधा है.  


बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट किए और कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव में जनता के हाथों करारी हार के डर से पीएम मोदी के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हर संभव कोशिश की. प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया.


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अपनी निकृष्ट सोच और ओछी हरकतों से पंजाब की कांग्रेस सरकार ने दिखा दिया है कि वह विकास विरोधी है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी उनके दिल में कोई सम्मान नहीं है. यह घटना प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में एक बहुत बड़ी चूक थी. यह बेहद चिंताजनक है.







 


नड्डा ने आगे कहा, प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री जी के रास्ते में जाने दिया गया और उनकी सुरक्षा से समझौता किया गया जबकि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी ने एसपीजी को आश्वासन दिया था कि रास्ता पूरी तरह से साफ है. पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन पर बात करने या इस मामले का समाधान करने से इनकार कर दिया. पंजाब सरकार की इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति, लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले किसी भी व्यक्ति को कष्ट पहुंचाएगी और उन्हें व्यथित करेगी.


वहीं असम के मुख्यमंत्री ने कहा, जहां पीएम पंजाब के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं आज की घटना से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस को विकास में कम दिलचस्पी है और वे केवल राजनीति करना चाहती है. सीमावर्ती राज्य में इस तरह के सुरक्षा उल्लंघन की उच्चतम स्तर पर जांच होनी चाहिए.


वहीं पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने भी इस मामले पर जमकर हमला बोला. उन्होंने ट्वीट में लिखा, खासकर पंजाब, सीएम और एचएम पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल है. जब आप देश के प्रधान मंत्री को सुगम मार्ग प्रदान नहीं कर सकते हैं और वह भी पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 10 किमी दूर, आपको पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और आपको पद छोड़ देना चाहिए.


उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, पंजाब में कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी ओछी राजनीतिक मानसिकता का परिचय दिया है. जिस पीएम मोदी की सुरक्षा के साथ समझौता हुआ और लोगों को अपने प्रिय नेता को सुनने आने से रोका गया, ये पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और निंदनीय है.


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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा के साथ जो हुआ वह अत्यंत निंदनीय है. इससे भी बुरी बात यह है कि पंजाब के सीएम बोलने या कॉल का जवाब देने से इनकार कर रहे हैं. हम अधिकारियों और इस गंभीर गलती के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गहन जांच की मांग करते हैं.


वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, जनता का अशीर्वाद पीएम मोदी के साथ है. भगवान का धन्यवाद कि उनका जीवन सुरक्षित है, वरना कांग्रेस, कांग्रेस की सरकार और गांधी परिवार ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. उनकी सुरक्षा से जो खिलवाड़ किया गया वह देश में पहले कभी नहीं हुआ था.


रैली स्थल तक हेलिकॉप्टर से जाना था लेकिन...


दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक तक हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन बारिश और खराब विज़िबिलटी की वजह से सड़क के रास्ते जाने का फैसला हुआ. इससे पहले पीएम मोदी ने बठिंडा में मौसम साफ होने का करीब 20 मिनट इंतज़ार भी किया, लेकिन जब मौसम सही नहीं हुआ तो काफिला आगे बढ़ा था. गृह मंत्रालय ने जो बयान जारी किया है, उसमें विस्तार से पूरी घटना के बारे में बताया गया है. 


कहां फंसा काफिला?


बठिंडा से पीएम मोदी का काफिला राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए निकला. लेकिन मंज़िल से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो, वहां कुछ प्रदर्शनकारी सड़क को जाम कर चुके थे. इसकी वजह से पीएम मोदी को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसे रहना पड़ा. इसके बाद पीएम को वहां से वापस लौटना पड़ा. गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक बताया. 


गृह मंत्रालय के बयान में क्या है?


आज सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर हेलीकॉप्टर से जाना था. बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया. जब मौसम में सुधार नहीं हुआ तो यह तय हुआ कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगेगा. डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद वह सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े.


हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो, वहां कुछ प्रदर्शनकारी सड़क को जाम कर चुके थे. 15-20 मिनट तक प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर फंसे रहे. यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी.


प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था. प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए थी. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है.