Golden Temple Viral Video: स्वर्ण मंदिर के वायरल वीडियो पर BJP की कड़ी प्रतिक्रिया, SGPC ने कहा- 'सिखों की देशभक्ति पर शक न करें'
Punjab News: गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने वीडियो वायरल होने के बाद माफी मांगी है. वहीं बीजेपी नेताओं ने सेवादार के व्यवहार पर आपत्ति जताई है.
Punjab Golden Temple Viral Video: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में चेहरे पर तिरंगा लगाए एक महिला को प्रवेश से रोके जाने का वायरल वीडियो होने के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इस मामले पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी बयान जारी किया है. वीडियो में महिला, उसके साथियों और हरमंदिर साहिब (जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है) में एक सेवादार के बीच बहस देखी जा सकती है. दावा किया गया है कि लड़की के चेहरे पर तिरंगा (Tiranga) बना था इसलिए उसे अंदर नहीं जाने दिया गया और लड़की से कहा गया कि ये भारत नहीं, पंजाब है.
इस वीडियो को बीजेपी नेताओं समेत सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शेयर किया है. दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष राजन तिवारी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, "भारत स्पष्टीकरण और कार्रवाई मांग रहा है. अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान आप इस पर चुप क्यों हैं?" बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सेवादार के व्यवहार पर आपत्ति जताई, खासकर उनकी कथित टिप्पणी कि ये पंजाब है, भारत नहीं.
एसजीपीसी के महासचिव ने क्या कहा?
एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने इन आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हर पूजा स्थल का अपना कोड होता है. सेवादारों को इस कोड को लागू करना होता है. इस घटना में, सेवादार भड़क गए और उन्होंने कुछ बातें कहीं. अगर किसी ने किसी यात्री के साथ दुर्व्यवहार किया है तो मैं महासचिव के रूप में तहे दिल से माफी मांगता हूं. उन्होंने आगे कहा कि इस घटना को खालिस्तान से जोड़कर ट्विटर पर जिस तरह की प्रतिक्रियाएं मिली हैं, उससे मैं स्तब्ध हूं.
India is seeking an explanation and action @ArvindKejriwal and @BhagwantMann why are u silent on this pic.twitter.com/rgdPQGWsm5
— Rajan Tewari (@Rajan_Tewari) April 17, 2023
"सिखों को बदनाम करना चाहते हैं"
उन्होंने कहा कि क्या ये लोग जानते हैं कि सिख समुदाय के बलिदान के कारण तिरंगे को सम्मान मिलता है? स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी जान देने वाले 10 लोगों में से नौ सिख थे. ये लोग बुरे इरादे से ट्वीट करते हैं. वे सिखों और सिख धार्मिक संस्थानों और प्रथाओं को बदनाम करना चाहते हैं. ऐसे कई मंदिर हैं जिनके बाहर बोर्ड लगे हैं कि दूसरे धर्मों के लोगों को जाने की अनुमति नहीं है. हमारे यहां ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है.
"सिख तिरंगे में लिपटे घर वापस आते हैं"
गुरचरण सिंह ने कहा कि जब आपको चीन से लड़ने के लिए लोगों की सीमा पर जाने की आवश्यकता होती है, तो आप किसे भेजते हैं? आप सिखों को भेजते हैं, क्या ये भी खालिस्तानी हैं. आप तिरंगे की बात करते हैं, इतने सारे सिख तिरंगे में लिपटे घर वापस आते हैं. जो लोग सिखों पर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं वे खुद देशद्रोही हैं. मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि जो लोग इस तरह के आरोप ट्वीट कर रहे हैं वे देश के शीर्ष नेताओं से जुड़े हुए हैं.
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