चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने सोमवार को कहा कि वह आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह को ‘धमकाने’ के लिए अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ धमकी देने और मानहानि का मामला दायर करेगी. पंजाब के महाधिवक्ता अतुल नंदा ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के निर्देश पर मंगलवार को अदालत में मामला दायर किया जाएगा. सिंह ने राज्य सरकार की कानूनी टीम को न्यायपालिका के साथ इस मामले पर विचार करने के निर्देश दिए थे.
प्रताप सिंह, कोटकपुरा और बहबल कलां में 2015 की बेअदबी और उसके बाद हुई पुलिस गोलीबारी की घटना की जांच करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा गत वर्ष गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य हैं.
अमरिंदर सिंह ने यह स्पष्ट किया कि वह अकालियों या किसी और के द्वारा उनके अधिकारियों को डराने-धमकाने की ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘अकाली नेताओं की उनके खिलाफ कार्रवाई करने वाले किसी भी व्यक्ति पर धौंस जमाने और उन्हें धमकाने की आदत है.’’
भारत के निर्वाचन आयोग ने आठ अप्रैल को पंजाब सरकार को आदर्श आचार संहिता का ‘‘उल्लंघन’’ करने के लिए प्रताप सिंह को पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), अपराध और संगठित अपराध नियंत्रण इकाई के अतिरिक्त प्रभाव से मुक्त करने का निर्देश दिया था. अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में मतदान खत्म होने के बाद आईजीपी एसआईटी में वापसी करेंगे.
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