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Haryana Water Dispute: SYL पर पंजाब- हरियाणा में नहीं बनी सहमति, सीएम मान बोले, 'पंजाब के पास नहीं हैं सरप्लस पानी...'
SYL Dispute : सुप्रीम कोेर्ट के आदेश बाद भी एसवाईएल विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा हैं . पंजाब और हरियाण के सीएम मीटिंग करने बाद भी एकमत नहीं हो पाए.
Haryana Water Dispute: आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद पर करीब 2 घंटे महत्वपूर्ण चर्चा हुई. यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद हुई है. चंडीगढ़ के सेक्टर तीन में हरियाणा निवास पर हुई इस बैठक से कोई भी समाधान नहीं निकल पाया .
मीटिंग से निकलने के बाद पंजाब के सीएम मान ने कहा कि उन्होंने इस मीटिंग में स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए सरप्लस पानी नहीं है. इसलिए एसवाईएल के निर्माण का सवाल ही पैदा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना था कि पहले एसवाईएल के निर्माण पर बातचीत कर ली जाए मगर हमने स्पष्ट रूप से कह दिया कि पंजाब के पास देने के लिए पानी ही नहीं है तो फिर एसवाईएल के निर्माण से क्या होगा.
23% ही खेती नहरों के पानी के साथ
सीएम मान ने कहा कि यह धारणा गलत है कि पंजाब में बहुत ज्यादा पानी उपलब्ध है क्योंकि पंजाब में सिर्फ 23% ही खेती नहरों के पानी से होती है, जबकि 73% खेती के लिए जमीन के नीचे से पानी निकाला जाता है. मान का कहना है कि वह पंजाब के लोगों की आवाज बनकर इस मीटिंग में आए थे. मान बोले कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को कहा कि अगर आप चाहें तो हम दोनों लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इस समस्या के समाधान के लिए जा सकते हैं.
पहले भी दो मौके मिले थे
मीटिंग के बाद मान ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले भी दो बार एसवाईएल के मुद्दे को सुलझाने का मौका था. पहला मौका तब था जब पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार थी. इसके अलावा हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार थी. उन्होंने कहा कि केंद्र में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी. इसके अलावा दूसरा मौका तब था जब पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी. हरियाणा में भी कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र में भी कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार थी.
तब और अब के हालात में काफी अंतर
सीएम मान ने कहा कि इन पार्टियों ने क्यों नहीं इस मुद्दे को सुलझाया इस पर वह कोई टिप्पणी या राजनीति नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जब पानी के बंटवारे पर समझौते हुए थे, तब उस वक्त के हालात कुछ और थे और आज की स्थिति कुछ अलग ही है. इसलिए सबसे पहले तो इस बात की पड़ताल होनी चाहिए कि पंजाब के पास कितना पानी उपलब्ध है. मान ने कहा कि उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग में मैंने पूरे तथ्यों के आधार पर पंजाब की बात रखी है.
मुख्यमंत्री खट्टर ने क्या कहा
उधर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मीटिंग में आज कोई सहमति नहीं बन पाई है. यह बहुत पुराना विवाद है. मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि 1981 से लेकर अब तक बहुत ट्रिब्यूनल बन चुके हैं, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. उन्होंने कहा कि अब हम अपनी रिपोर्ट को केंद्र सरकार को सौंप देंगे. उसके बाद देखते हैं कि क्या जनवरी से पहले कोई और मीटिंग होगी या नहीं.
कौन से 3 अहम बिंदु थे
सीएम खट्टर ने कहा कि 1985 राजीव लोंगोवाल समझौता के तहत तीन अहम बिंदु थे.पहले बिंदु ये था कि पानी के मुद्दे को लेकर एक ट्रिब्यूनल बनाया जाए, लेकिन उसको रिपोर्ट अप नहीं किया गया था. बता दें कि अभी तीन महीने पहले ही दोबारा नया ट्रिब्यूनल बनाया गया है. दूसरे बिंदु में उसी ट्रिब्यूनल के मुताबिक पानी का सही तरीके से पूरे मापदंडों के साथ बंटवारा होना चाहिए. तीसरा बिंदु नहर (SYL) के निर्माण का है. आज इसी बिंदु पर बात हुई लेकिन पंजाब पहले दो बिंदुओं पर ही अड़ा रहा, जो मीटिंग के एजेंडे में ही नहीं था.
केंद्र सरकार को इस मीटिंग के बारे में बताएंगे
सीएम खट्टर ने कहा है कि अब वह केंद्र के सामने ये मुद्दा रखेंगे. सीएम ने कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहे तो दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को अलग-अलग बुलाकर बात कर सकती है. सीएम खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य बिंदु के तहत ही मीटिंग हुई लेकिन पंजाब ने उस बात को मानने से मना कर दिया.
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