Punjab And Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुग्राम (Gurugram) की एक महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी है. महिला पर 9 लोगों को बलात्कार के मामले में फंसाकर ब्लैकमेल करने का आरोप है. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि आरोपी महिला ने विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 9 FIR करवाई और 9 मामलों में से तीन मामलों में याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है, क्योंकि इन प्राथमिकियों में आरोप झूठे पाए गए थे.


हाई कोर्ट ने इस मामले में महिला की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा, "मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह साफ है कि याचिकाकर्ता को विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की आदत है." बता दें कि महिला 27 जनवरी, 2022 से जेल में बंद है.


कैसे हुआ मामले का खुलासा?


बता दें कि आरोपी महिला के खिलाफ प्राथमिकी एक महिला की शिकायत पर दर्ज की गई थी. महिला ने पुलिस से बताया कि एक महिला ने उसके बेटे को दुष्कर्म के मामले में झूठा फंसाने की कोशिश की थी. वहीं बाद में धमकी देकर पैसे की मांग की. पुलिस को बताया गया कि आरोपी महिला डेट पर जाती थी और दोनों ने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए. जब महिला ने पैसे मांगे तो बेटा डर गया और मां ने महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.


आरोपी महिला के वकील ने क्या कहा?


आरोपी महिला के वकील ने तर्क दिया था, "याचिकाकर्ता को हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा, इसलिए याचिकाकर्ता को नियमित जमानत पर रिहा किया जा सकता है." याचिका का कड़ा विरोध करते हुए गुरुग्राम पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्त मनोज कुमार के माध्यम से अदालत में एक रिपोर्ट दायर की.


कैसे मामलों में फंसाती थी महिला?


रिपोर्ट में कहा गया कि याचिकाकर्ता को युवकों और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की आदत थी. सितंबर 2020 और नवंबर 2021 के बीच याचिकाकर्ता ने नौ प्राथमिकी दर्ज करवाई थीं. ब्लैकमेल करने के मकसद से पुरुषों और उनके परिवार के सदस्यों को बलात्कार, शीलभंग आदि के अपराधों में फंसाने का उसका एक पैटर्न है, इसलिए याचिकाकर्ता नियमित जमानत की रियायत के लायक नहीं है.


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