नई दिल्ली: पंजाब में रेल यातायात को बाधित करने के मुद्दे पर किसान संगठनों और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही तथा दोनों ही पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े रहे. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यहां विज्ञान भवन में किसानों के अलग-अलग संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.


सात घंटे तक चली बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के रुख को सुना और पंजाब में रेल सेवा को बहाल करने के लिए समाधान पर पहुंचने की कोशिश की. पंजाब में फिलहाल रेल सेवा बाधित है.


भारतीय किसान मंच के प्रमुख जत्थेदार बूटा सिंह शादीपुर ने बैठक के बाद कहा, " बैठक बेनतीजा रही और हमारा पक्ष सुनने के बाद मंत्रियों ने कहा कि वे मुद्दे का समाधान करने के लिए जल्द दुबारा मिलेंगे."


उन्होंने कहा कि किसान संघ पंजाब में मालगाड़ियों की बहाली चाहते हैं जो नाकेबंदी की वजह से बंद हैं. पंजाब में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की वजह से रेल सेवा बंद है.


बहरहाल, केंद्र सरकार नाकेबंदी को खत्म करना तथा यात्री और मालगाड़ी सेवा शुरू करना चाहती है. किसान संघ 18 नवंबर को चंडीगढ़ में बैठक करेंगे जिसमें मुद्दे पर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष नए कृषि कानूनों पर अपने-अपने रुख पर अड़े रहे.


उन्होंने कहा कि मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों ने किसान नेताओं को यह समझाने की कोशिश की कि ये कानून क्यों अहम हैं और कृषि क्षेत्र के लिए कितने लाभकारी हैं.


बहरहाल, किसान अपने इस रुख पर अड़े रहे कि इन अधिनियमों को रद्द किया जाना चाहिए और  की जगह अन्य नए कानून लाए जाने चाहिए जिनमें पक्षकारों के साथ ज्यादा मशविरा किया जाए. किसानों ने एमएसपी की गारंटी की भी मांग की. सरकारी सूत्रों ने कहा कि खरीद स्तर पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई लेकिन किसी सहमति पर नहीं पहुंचा जा सका क्योंकि किसान संघ अपने रुख पर अड़े रहे.