प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया के नेतृत्व वाले विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा है कि पंजाब वर्तमान में सबसे कम कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ सबसे अधिक वित्तीय रूप से तनावग्रस्त राज्यों में से एक है. पंजाब की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पिछले साल सीएम अमरिंदर सिंह द्वारा विशेषज्ञों की एक टीम को गठित किया गया था. 


हाल ही में प्रस्तुत अपनी अंतिम रिपोर्ट में विशेषज्ञों के समूह ने सरकारी लोन की औसत लागत को कम करने, पुलिस में भर्ती पर प्रतिबंध लगाने, राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान को एक जैसा करने और व्यावसायिक टैक्स की कटौती को बढ़ाने जैसे उपायों का सुझाव दिया है. हालांकि, रिपोर्ट में बिजली सब्सिडी और कृषि लोन माफी के मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है. पैनल ने कहा है कि जब तक अगले कुछ सालों में वित्तीय स्थिति को ठीक करने के उपाय नहीं किए जाते, तब तक पंजाब को उसकी पूर्व-प्रतिष्ठित स्थिति में बहाल करने के उद्देश्य को पूरा नहीं किया जा सकता. 


पैनल ने दिया ये सुझाव 


पैनल ने कहा, "हम मानते हैं कि राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार लाना अभी के लिए संभव नहीं है. कोरोना महामारी ने सभी राज्यों और केंद्र के राजकोषीय घाटे को बढ़ा दिया है. हालांकि, महामारी के बाद सामान्य स्थिति हासिल करने के बाद एक ठोस प्रयास शुरू करने की जरूरत है." एक्सपर्ट्स की टीम ने पंजाब सरकार आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और आगे की रणनीति तैयार करने के लिए एक और एक्सपर्ट्स की टीम गठित करने का सुझाव भी दिया है. 


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