पंजाब: चन्नी मंत्रिमंडल विस्तार से पहले नया बवाल, सिद्धू से विधायकों ने की राणा गुरजीत को मंत्री नहीं बनाने की मांग
मंत्रिमंडल में 7 नए चेहरों को जगह मिल सकती है. कैप्टन अमरिंदर समर्थक 5 मंत्रियों की छुट्टी की तैयारी है. जबकि कैप्टन सरकार के 8 मंत्री अपनी जगह बचाने में कामयाब रह सकते हैं.
नई दिल्ली: आज शाम को पंजाब के नए मंत्रियों को शपथ लेनी है, लेकिन इससे पहले ही बवाल मच गया है. 7 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को चिट्ठी लिखकर राणा गुरजीत को मंत्री ना बनाने की मांग की है. विधायकों ने खत में लिखा कि राणा गुरजीत पर माइनिंग के एक मामले में भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
विधायकों ने लिखा है कि राणा गुरजीत को किसी कोर्ट या जांच एजेंसी से क्लीन चिट नहीं मिली है फिर भी कैबिनेट में शामिल क्यों किया जा रहा है. खत में जिक्र किया गया है कि, भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद राणा गुरजीत को जनवरी 2018 में कैबिनेट से निकाल भी दिया गया था.
विधायकों ने राणा गुरजीत की जगह किसी दूसरे साफ छवि वाले ओबीसी चेहरे को मंत्री बनाए जाने की मांग की है. विधायकों की इस चिट्ठी पर अभी तक नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है.
जानें किसे मिल सकता है मौका और किसकी होगी छुट्टी?
आज शाम 4.30 बजे राज्यपाल पंजाब के नए मंत्रियों को शपथ दिलवाएंगे. कैबिनेट विस्तार में 15 नए मंत्री शामिल किए जाएंगे. मंत्रिमंडल में 7 नए चेहरों को जगह मिल सकती है. कैप्टन अमरिंदर समर्थक 5 मंत्रियों की छुट्टी की तैयारी है. जबकि कैप्टन सरकार के 8 मंत्री अपनी जगह बचाने में कामयाब रह सकते हैं. मुख्यमंत्री चन्नी और दो उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी समेत कुल 18 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
किसे मिल सकती है जगह?
सूत्रों केअनुसार परगट सिंह, राजकुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, संगत सिंह गिलजियान, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, कुलजीत नागरा और राणा गुरजीत सिंह मंत्रिमंडल में शामिल किये जा सकते हैं. पंजाब के संभावित मंत्रियों में परगट सिंह, राजकुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, अमरिंदर राजा, कुलजीत नागरा, संगत सिंह गिलजियां और राणा गुरजीत सिंह शपथ ले सकते हैं. परगट सिंह लगातार सिद्धू के साथ रहे हैं, गिलजियां और नागरा पंजाब कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष हैं. वहीं वेरका पार्टी के SC चेहरा हैं.
इनका पत्ता कटना तय
इस विस्तार में नए चेहरे आएंगे तो पुराने चेहरे बाहर भी होंगे. अमरिंदर समर्थक मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, सुंदर श्याम अरोड़ा, गुरप्रीत कांगड़, राणा गुरमीत सोढ़ी और बलबीर सिद्धू का पत्ता कट सकता है.
यह कुर्सी बचाने में कामयाब रह सकते हैं
हालांकि कांग्रेस ने नए मंत्रिमंडल को बनाते समय इस बात का खास ध्यान दिया कि पार्टी के अंदर ज्यादा विरोध ना हो. इसलिए ही चुनाव से पहले होने वाले इस गठन में कई पुराने चेहरों को भी जगह दी जा रही है. पार्टी ने अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री रहे विजय इंदर सिंगला, मनप्रीत सिंह बादल, ब्रह्म मोहिंदरा, सुखबीर सिंह सरकारिया, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणु चौधरी, रजिया सुल्तान और भारत भूषण आशु को मंत्रिमंडल में बनाए रखने का निर्णय लिया है. हालांकि विपक्षी पार्टियों का कांग्रेस पर तंज कसना लगातार जारी है.
राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठक के बाद चन्नी नीत मंत्रिमंडल के नामों पर सहमति बनी. मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करने के लिए चन्नी को कांग्रेस आलाकमान ने शुक्रवार को दिल्ली तलब किया था. आप से लेकर शिरोमणि अकाली तक नए कैबिनेट पर नजरें गढ़ाए हुई हैं.
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