Punjab News: चरणजीत चन्नी सरकार ने उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया
Punjab News: पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद सहित दो वकीलों को राज्य में अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किए जाने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी आलोचना की है.
चंडीगढ़: पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद सहित दो वकीलों को सोमवार को राज्य में अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया, जिसकी विपक्षी आम आदमी पार्टी ने कड़ी आलोचना की.
एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, अधिवक्ता तरूण वीर सिंह लेहल और मुकेश चंद्र बेरी को, महाधिवक्ता, पंजाब के कार्यालय में तत्काल प्रभाव से अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है. लेहल, रंधावा के दामाद हैं. रंधावा के पास गृह विभाग का भी प्रभार है.
नये लाभार्थी उपमुख्यमंत्री रंधावा के दामाद हैं- राघव चड्ढा
आप नेता राघव चड्ढा ने लेहल की नियुक्ति पर राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों के परिवार के सदस्यों को ही प्रदेश में नौकरी मिल रही है.
चड्ढा ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस ‘हर घर नौकरी’ के अपने मुख्य चुनावी वादे में थोड़ा बदलाव कर उसे पूरा कर रही है. इन नौकरियों को पाने वाले लोग कांग्रेस मंत्रियों व विधायकों के परिवार के सदस्य हैं. नये लाभार्थी उपमुख्यमंत्री रंधावा के दामाद हैं. (मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह) चन्नी, कैप्टन (अमरिंदर सिंह) की विरासत को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं.’’
Congress is fulfilling its principal poll promise of "Har Ghar Naukri" but with minor modification. Recipients of these jobs are family members of Congress ministers & MLAs. Latest beneficiary is Dy CM Randhawa's son in law.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) November 8, 2021
Channi is essentially carrying forward Captian's legacy pic.twitter.com/elJk3AJB7R
मैं उच्च न्यायालय में 13 वर्षों से वकालत कर रहा हूं- लेहल
संपर्क किये जाने पर लेहल ने कहा कि राज्य के महाधिवक्ता की सिफारिश पर उनकी नियुक्ति मेधा और अनुभव के आधार पर हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उच्च न्यायालय में 13 वर्षों से वकालत कर रहा हूं.’’ लेहल ने कहा, ‘‘किसी का दामाद होना यदि बुरा है तो मैं नहीं जानता कि क्या कहना है.’’
आदेश के मुताबिक दोनों नव नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता पंजाब सरकार की ओर से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में मामलों में पैरवी करेंगे. आदेश के मुताबिक नियुक्ति, अनुबंध के आधार पर शुरूआती तौर पर 31 मार्च 2022 तक होगी, जो साल दर साल बढ़ाई जा सकेगी.
यह भी पढ़ें.