Punjab News: कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सिद्धू की ओर से अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी सार्वजनिक करने के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा कि सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे और पार्टी का एजेंडा लागू किया जाएगा. रविवार शाम को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सिद्धू के साथ बैठक की. सिद्धू के करीबी माने जाने वाले मंत्री परगट सिंह भी वहां मौजूद लोगों में शामिल थे.
रविवार को पत्रकारों से बातचीत में सीएम चन्नी ने कहा, "चाहे 13 सूत्रीय हो, 18 सूत्रीय हो, 21 सूत्रीय हो या 24 सूत्रीय हो, जो भी एजेंडा होगा उसे लागू किया जाएगा. कोई बिंदु छूटेगा नहीं." सिद्धू की चिट्ठी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह ठीक है कि उन्होंने मुद्दों को उठाया... हमें पार्टी की विचारधारा को लागू करना होगा. पार्टी सर्वोच्च है. सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा." सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए पत्र लिखकर समय मांगा है. पत्र में उन्होंने कुछ मुद्दों को उठाया है, जिसे सरकार को पूरा करना होगा और कहा कि यह चुनावी राज्य के पुनरुत्थान और ऋणमुक्ति के लिए आखिरी मौका है.
दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने के एक दिन बाद 15 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में सिद्धू ने पंजाब मॉडल के साथ 13-सूत्रीय एजेंडे को 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र का हिस्सा बनाने की वकालत की. कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद सिद्धू ने 15 अक्टूबर को कहा था कि उनकी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है और पार्टी ने कहा कि वह राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में बने रहेंगे.
सिद्धू ने सोनिया गांधी को पंजाब के पिछले मुख्यमंत्री को दिए गए पार्टी के 18 सूत्रीय एजेंडे की याद दिलाई और कहा कि वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं. उन्होंने 2015 में बेअदबी के मामलों में न्याय, मादक द्रव्य गिरोह में बड़ी मछली की गिरफ्तारी और बिजली खरीद समझौते को खत्म करने सहित कई मुद्दों को उठाया था. सिद्धू ने अपने पत्र को ट्विटर पर पोस्ट करके सार्वजनिक किया था. इससे संकेत गया था कि वह अब भी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार के उन मुद्दों से निपटने के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं, जिन्हें वे हाल के दिनों में उठाते रहे हैं. बता दें कि चन्नी कांग्रेस के दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. सिंह का सिद्धू के साथ टकराव चल रहा था.