पंजाब: तरनतारन ब्लास्ट केस में NIA ने नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की, एक अब भी फरार
एनआईए ने जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है, उनमें मनदीप सिंह, हरजीत सिंह, गुरजंट सिंह, चंद्रदीप सिंह, मलकीत सिंह, अमरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, बिक्रमजीत सिंह पंजवार के नाम शामिल हैं.इनमें विक्रमजीत सिंह पंजवार को फरार बताया गया है और उसे ही इस गिरोह का मुखिया भी बताया गया है.
पंजाब: पंजाब के तरनतारन जिले में सितंबर 2019 में हुए बम धमाके के मामले में एनआईए ने कुल 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है, जबकि एक आरोपी को फरार बताया गया है. आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है. इन आरोपियों का मकसद पंजाब में अशांति फैलाना था और यह लोग एक डेरे पर हमला भी करना चाहते थे.
एनआईए ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि दो आरोपी इस बम धमाके के दौरान मारे गए थे, लिहाजा उनका नाम आरोपपत्र में शामिल नहीं किया जा रहा. एनआईए के मुताबिक यह बम धमाका 4 सितंबर 2019 को तरनतारन जिले के पनडोरी गोला गांव के पास एक खाली प्लॉट में हुआ था. इस बम धमाके के दौरान 2 लोग मारे गए थे, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया था.
एनआईए ने जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है, उनमें मनदीप सिंह, हरजीत सिंह, गुरजंट सिंह, चंद्रदीप सिंह, मलकीत सिंह, अमरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, बिक्रमजीत सिंह पंजवार के नाम शामिल हैं इनमें विक्रमजीत सिंह पंजवार को फरार बताया गया है और उसे ही इस गिरोह का मुखिया भी बताया गया है.
आरोप पत्र में कहा गया है कि मारे गए दोनों व्यक्ति हरप्रीत सिंह और विक्रम सिंह भी मामले के आरोपी हैं, लेकिन क्योंकि दोनों की बम धमाके के दौरान मौत हो गई थी, लिहाजा उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. तरनतारन जिले के थाना सदर बाजार में इस बाबत पहले रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में एनआईए ने इस बाबत अपना मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी.
एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि यह सभी आरोपी खालिस्तानी विचारधारा से प्रभावित थे और अपने आकाओं के कहने पर इन लोगों ने पंजाब में अस्थिरता फैलाने के लिए एक गिरोह भी बनाया था. इन लोगों का मकसद पंजाब में जगह-जगह अशांति कायम करना था. यह लोग पंजाब के मुरादपुरा में स्थित एक डेरे पर भी हमला करना चाहते थे.
इसके लिए इन्होंने अवैध तरीके से विस्फोटक भी खरीदा था. जांच के मुताबिक यह लोग इस विस्फोटक को खाली प्लॉट में गड्ढा कर दबाना चाहते थे, लेकिन उसी दौरान विस्फोट हो गया, जिससे 2 आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरा घायल हो गया.
एनआईए के मुताबिक पंजाब के विभिन्न जगहों में अशांति फैलाने के लिए इन लोगों ने अनेक बार कई गुप्त बैठकें भी की थीं और हमले की एक तारीख भी तय की थी. एनआईए का कहना है कि आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद भी जांच अभी जारी है.
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