चंडीगढ़: पुलवामा हमले पर बयान देने के बाद से ही पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू विरोधियों के निशाने पर बने हुए हैं. सिद्धू को लेकर शिरोमणि अकाली दल के विधायकों के हंगामे की वजह से पंजाब विधानसभा की कार्यवाही को मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया. विधानसभा में सिद्धू और मजीठिया एक दूसरे पर गुस्से में आरोप लगाते हुए देखे गए. इसके कारण अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के भाषण के बीच में सत्र को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.


कार्यवाही के दौरान सिद्धू और मजीठिया ने एक-दूसरे पर निजी हमले भी किए. अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह ने अकाली दल और बीजेपी विधायकों को बाहर निकालने के लिए बोलना पड़ा.


अकाली दल विधायक पुलवामा आतंकी हमले पर सिद्धू की हालिया टिप्पणी के खिलाफ विधानसभा में प्रदर्शन कर रहे थे. अकाली दल के विधायक कांग्रेस नेता को पंजाब कैबिनेट से निष्कासित किए जाने की मांग कर रहे थे.


वित्त मंत्री बादल जब राज्य के लिए वार्षिक बजट पढ़ रहे थे, तब विपक्षी विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के समीप जाकर प्रदर्शन किया. सिद्धू और मजीठिया के बीच गहमागहमी के दौरान भी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह चुपचाप बैठे रहे. कुछ मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने गुस्साए सिद्धू को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन वह शांत नहीं हुए.


बता दें कि सिद्धू ने हमले के बाद मीडिया से कहा था, "जब भी लड़ाईयां लड़ी जाती हैं और ऐसी घटनाएं (पुलवामा आतंकी हमले) होती हैं तो उसके साथ-साथ संवाद जारी रहना चाहिए."


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