अमृतसर/नई दिल्ली: पंजाब एक बार फिर आतंकी हमले से दहल उठा है. यह हमला ऐसे समय में हुआ जब पिछले दिनों पुलिस ने आतंकी हमलों की आशंकाओं को देखते हुए अलर्ट जारी किया था और जगह-जगह पोस्टर चिपकाए थे. रविवार को अमृतसर के राजासांसी के अदलीवाल गांव में स्थित निरंकारी भवन में हुए ग्रेनेड हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए. जिस वक्त यह हमला हुआ उस समय निरंकारी पंथ का धार्मिक समागम चल रहा था और करीब 200 श्रद्धालु मौजूद थे.


एनआईए टीम का दौरा
आतंकी हमले को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने हमले वाले स्थल का मुआयना किया. जांच टीम करीब आधे घंटे तक निरंकारी भवन के भीतर रही. घटना स्थल का कल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी दौरा करेंगे. हमले के ठीक बाद पंजाब के मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की थी और राज्य के गृह सचिव, डीजीपी (कानून व्यवस्था) और डीजी खुफिया को राजासांसी रवाना होने का निर्देश दिया.





आतंकी हमला
पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) सुरेश अरोड़ा ने कहा, ‘‘इसमें (इस घटना में) आतंक का एक पहलू दिख रहा है क्योंकि यह एक समूह (लोगों के) के खिलाफ है, न कि किसी एक व्यक्ति के. लोगों के समूह पर ग्रेनेड फेंकने का कोई कारण नहीं है, इसलिए हम इसे एक आतंकी हरकत के तौर लेंगे. ब्लास्ट में 3 लोगों की मौत और 20 लोग घायल हो गए.'' उन्होंने हमले की पीछे जाकिर मूसा के हाथ से न तो इनकार किया और न ही पुष्टि की. डीजीपी ने कहा जांच के बाद ही पूरी कहानी सामने आएगी.





राजनाथ ने लिया जायजा
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बात की और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने ट्वीट किया,‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर जी से बात की, जिन्होंने मुझे अमृतसर में ग्रेनेड हमले के बाद की स्थिति के बारे में अवगत कराया. इस घटना के दोषियों के खिलाफ यथासंभव कड़ी कार्रवाई की जायेगी.’’ राजनाथ ने कहा,‘‘यह एक निंदनीय हिंसक कृत्य है. इस हमले में अपने प्रियजनों को खो चुके परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं है और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’’





वहीं मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, "इस घटना में आईएसआई के खालिस्तानी/कश्मीरी आतंकी समूह की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है. पुलिस टीमें विभिन्न कोणों से जांच कर रही हैं."


मुआवजे का एलान
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना में मारे गये लोगों के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने और घायलों का मुफ्त इलाज किये जाने की घोषणा की है. सिंह ने ट्वीट किया,‘‘अमृतसर में निरंकारी भवन में बम विस्फोट की कड़ी निंदा करते है. मेरी संवेदनाएं अमृतसर बम विस्फोट के पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ है. मेरी सरकार मारे गये प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को पांच लाख रुपये देगी और घायलों का मुफ्त इलाज करायेगी. जिला प्रशासन से मदद बढ़ाने के लिए कहा गया है.’’



राहुल ने की निंदा
कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में हुए आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अमृतसर में हुए हमले की खबर से बहुत आहत हूं. इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम होगी. मृतकों के परिवार के प्रति मैं अपनी गहरी शोक और संवेदना व्यक्त करता हूं.


राजनीतिक रंग
अमृतसर में हुए आतंकी हमले पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता और पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''कांग्रेस शासित पंजाब में शांति और सौहार्द्र की स्थिति खराब है. पहले मधुसूदन में हमला, फिर सेना प्रमुख ने कहा कि राज्य में अलर्ट रहने की जरूरत है. अब अमृतसर में हमला हुआ है.''


कैसे हुआ हमला
पुलिस के मुताबिक, "प्राथमिक जांच में अब तक सामने आया है कि चेहरे ढके दो लोग एक पिस्तौल लहराते हुए जबरन हॉल में घुस गए. इसमें से एक व्यक्ति दाढ़ी रखे हुए था. दोनों ने सेवादार को पकड़ लिया और प्रार्थना कक्ष में ग्रेनेड फेंक दिया, जिसके बाद वे एक मोटरसाइकिल पर बैठकर भाग निकले."


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