Punjab Politics: पंजाब के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल खुद पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं. अपनी ही पार्टी में बादल बैकफुट पर हैं. पार्टी में कई नेता उनके नेतृत्व और फैसलों को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं. यही वजह है कि सुखबीर बादल को पार्टी में बादशाहत बरकरार रखने के लिए पुराने बफादारों का सहारा लेना पड़ रहा है. दरअसल, पिछले कई दिनों से शिअद के सीनियर नेता सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं.
पंजाब के विधानसभा चुनाव के बाद विरोध के सुर
पंजाब के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को करारी हार का सामना करना पड़ा था. हार के बाद सुखबीर बादल के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे है. इसके साथ में एनडीए को स्पोर्ट करने पर भी कई नेता नाराज हैं. वहीं पिछले कई वर्षों में राज्य में पार्टी का ग्राफ लगातार नीचे आया है. शिअद के सीनियर नेता इसी वजह से सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में के बाद संगरूर से पार्टी के नेता इकबाल सिंह झुंडा के नेतृत्व में 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने संगठन के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की सिफारिश की थी.
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इकबाल सिंह झुंडा कमेटी की सिफारिश
इकबाल सिंह झुंडा के नेतृत्व वाली कमेटी ने विशेष रूप से पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को पद छोड़ने के लिए कहा था. इसके अलावा कमेटी के द्वारा एक परिवार एक टिकट फॉर्मूला अपनाने और अध्यक्ष पद के लिए दो साल का कार्यकाल निर्धारित करने की सिफारिश भी की गई थी.