नई दिल्लीः नए कृषि बिल के विरोध में पंजाब में लंबे समय से किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसानों के कृषि बिल के विरोध के कारण पंजाब में लंबे समय से माल गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया है. जिसके कारण पंजाब के अंदर काम कर रही कई प्रकार की इंडस्ट्री कच्चे माल की कमी के कारण काफी नुकसान झेल रही हैं.
कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य में माल गाड़ियों का संचालन कर सकती है, लेकिन वह आपनी मांग के पूरा होने तक यात्री गाड़ियों पर पूरी तरह से रोक लगाए रहेंगे. इस पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि प्रशासन यात्री और माल गाड़ी दोनों का ही संचालन करेगी, किसी भी सूरत में किसी एक का संचालन नहीं किया जाएगा.
पंजाब में माल गाड़ियों के नहीं आने से कच्चे माल की कमी के कारण स्टील प्लांट बंद पड़े हैं. वहीं कोयले की आपूर्ति नहीं होने से इसका असर थर्मल पावर प्लांट पर दिख रहा है. माल गाड़ियों की आवाजाही रुकने से बड़े से लेकर छोटे स्तर तक के सभी लोग इसकी चपेट में आए हैं. लुधियाना के पोर्ट पर दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि बीते एक महीने से उनके पास किसी तरह का काम नहीं होने के कारण अब दिन काटना काफी मुश्किल होता जा रहा है.
वहीं पंजाब के फिरोजपुर के किसानों का कहना है कि उन्हें अपने खेतों के लिए यूरिया की चिंता सता रही है. किसानों का कहना है कि पंजाब में माल गाड़ियों के जरिए यूरिया की सप्लाई की जाती रही है. वहीं इस बार लंबे समय से माल गाड़ियों पर लगी रोक के कारण उन्हें यूरिया मिलने में काफी मुशकिलों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं माल गाड़ियों के बंद होने से कोयले की आपूर्ति में आई कमी के कारण थर्मल प्लांटों का परिचालन बंद हो गया है. पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) वेणुप्रसाद का कहना है कि थर्मल प्लांट में कोयले की कमी के कारण उन्हें हर दिन 7500 मेगावाट बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
इसे भी पढ़ेंः
COVID 19: दिल्ली में आए 5023 नए मामले, 24 घंटे में हुई 71 लोगों की मौत
अब पंजाब में CBI को नए केस की जांच के लिए पहले राज्य सरकार से लेनी होगी इजाजत