चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू का राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद कांग्रेस में पूर्व क्रिकेटर के भविष्य पर प्रश्न खड़े हो गए हैं,लेकिन नेताओं को उम्मीद है कि वह पार्टी में बने रहेंगे.


सिद्घू का अगला कदम क्या होगा, इसे लेकर रहस्य बना हुआ है, क्योंकि 14 जुलाई को ट्विटर पर अपना इस्तीफा सार्वजनिक करने के बाद से उन्होंने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है. इसके एक दिन बाद उन्होंने अपना इस्तीफ मुख्यमंत्री को भेज दिया था. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री 17 जुलाई को दिल्ली से लौटने के बाद से अस्वस्थ चल रहे थे. उन्होंने शनिवार की सुबह इस्तीफा देखा और उसे स्वीकार कर लिया.


पंजाब कांग्रेस नेताओं ने कैबिनेट छोड़ने के सिद्धू के फैसले को ‘भूल’ बताया लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि सिद्घू कांग्रेस में बने रहेंगे.

कांग्रेस के पंजाब इकाई के नेता और विधायक राज कुमार वेर्का ने कहा,‘‘सिद्धू साहब ने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है. मुख्यमंत्री चाहते थे कि वह अपनी जिम्मेदारी संभाल ले और ऊर्जा मंत्री के तौर पर काम करें. उन्हें निकाला (कैबिनेट से) नहीं गया ,उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है.’’ पंजाब के मंत्री साधु सिंह धर्मसोट ने भी सिद्धू के कांग्रेस में बने रहने की उम्मीद जताई.

लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरजीत सिंह ने सिद्धू को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है और कहा है कि वह 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी के मुख्यमंत्री पद का दावेदार बना सकते हैं.

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